देहरादून: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। सेना के बैंड की मधुर धुन और सैकड़ों श्रद्धालु आज के इस पावन दिन के गवाह बने। भाई दूज पर सुबह 8.30 पर बाबा केदारनाथ के कपाटों को पूरे विधि-विधान से बंद कर दिए गए हैं। इस बार केदारनाथ यात्रा ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। चारधाम यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ घोड़ा खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस-पास कारोबार हुआ है।
केदारनाथ यात्रा कई बातों से चर्चाओं में रही। यात्रियों की संख्या हो या व्यवस्थाओं की बात, बात चाहे कूड़ा प्रबंधन की हो या फिर अव्यवस्थाओं की। या फिर पीएम मोदी के दौरे की, सभी लिहाज से इस बार केदारनाथ यात्रा चर्चाओं में रही। ऐसी ही एक और बात है जिसकी अब चर्चा हो रही है। दरअसल, इस साल हेलीकॉप्टर कंपनियों की अपेक्षा घोड़े खच्चर वालों ने अधिक पैसे कमाए हैं। एक अनुमान के मुताबिक घोड़े खच्चर वालों ने इस बार केदारनाथ यात्रा में एक अरब से अधिक का कारोबार किया है।
इस बार जब केदारनाथ यात्रा शुरू हुई तो यह बात ना केवल राज्य सरकार को बल्कि मंदिर समिति को पता थी इस बार की यात्रा में कई तरह के रिकॉर्ड कायम होंगे। दो सालों से महामारी के चलते यात्रा में श्रद्धालु कम आ रहे थे, इसलिए इस बार बिना पाबंदी के श्रद्धालुओं को केदारनाथ यात्रा पर दर्शन के लिए भेजा जा रहा था। शुरुआती 3 महीनों में ही लगभग चार लाख से अधिक भक्तों की संख्या ने यह बता दिया कि आने वाले महीने केदारनाथ धाम में भक्तों का सैलाब उमड़ने वाला है।
केदारनाथ यात्रा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब 15 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा में पहुंचे हैं। इस बार यात्रा में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 15 लाख 60 हजार से अधिक बताई जा रही है। यात्रा में उमड़े इतने अधिक श्रद्धालु इससे पहले कभी नहीं आए। भारी संख्या में भीड़ उमड़ने से जहां स्थानीय लोगों का भी रोजगार खूब चला. वहीं यात्रा मार्गों पर दुकानों, होटलो, होमस्टे या फिर घोड़े-खच्चर चलाने वालों की भी इससे खूब कमाई हुई।
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसायियों के लिहाज से भी काफी बेहतर रही। सिर्फ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस-पास यह कारोबार हुआ। केदारनाथ धाम में इस बार घोड़े खच्चर व्यवसायियों ने ही करीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया, जिससे सरकार को भी 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है। दरअसल, केदारनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को 17 किलोमीटर यात्रा पैदल तय करनी पड़ती है, जिस वजह से लोग घोड़े-खच्चर या फिर डंडी-कंडी का सहारा लेते हैं। यह आंकड़ा घोड़े-खच्चरों के लिए किए गए रजिस्ट्रेशन के माध्यम से प्राप्त हुआ है। डंडी-कंडी से 86 लाख रुपए की कमाई हुई है।
यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे। इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ।
एक अनुमान के मुताबिक, इस बार केदारनाथ यात्रा के दौरान हेली कंपनियों ने लगभग ₹75 करोड़ का कारोबार किया। 1.5 लाख श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे हैं।
इधर, यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है। यमनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े खच्चर पंजीकृत हैं। जिला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है। यह आंकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है।