शिक्षा के बलबूते ही बदलेगा बच्चों का भविष्य और बढ़ेगा समाज का मान सम्मान,,,,,,,,,, हाजी उस्मान
भारगामा (अररिया)
जहां सरकार के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को अग्रसर करने के लिए लाखों रुपए की राशि खर्च कर स्कूल भवन के साथ अच्छे शिक्षक बहाल कर समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने को लेकर सराहनीय कदम उठाया गया है, जिसे इनकार भी नहीं किया जासकता है । वहीं भरगामा प्रखंड अंतर्गत वीरनगर विसहरिया पंचायत स्थित मदनी नगर पोस्ट अकर् थापा स्थित मदरसा दारूल उलूम फैज ए रहमानी व मस्जीदे अजीजिया के अहाते में मदरसा अपने स्थापना काल से ही गरीब यतीम बच्चों को कुरआन, हदीश की शिक्षा के साथ साथ हिंदी,गणित, साइंस, अंग्रेजी और उर्दू की शिक्षा निजी स्तर से दी जारही है ताकि पिछड़े इलाकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा से जोड़ने का प्रयास जारी रहे । उक्त बातें मदरसा में आए दूसरे प्रदेश से मुख्य अतिथि कौम व मिल्लत के लिए फिक्रमंद रहने वाले व सुन्नी वोरा जोन के सचिव हाजी उस्मान साहब जो कि मदरसा हाजा के संस्थापक मुफ्ती मो आरिफ सिद्दीकी के दावत पर आए हैं। उन्होंने कहा कि यह सीमांचल का पिछड़ा इलाका होने को लेकर यहां के बच्चे तालीम की रौशनी से दूर हो रहे थे, जिसको लेकर ग्रामीण इलाकों में मदरसे का स्थापना 2006 ईसवी में ही कर समाज के गरीब यतीम बच्चों को दीनी शिक्षा दी जारही है । माशा अल्लाह यह दीनी इदारा अपने स्थापना काल से अल्हमदुलिल्लाह अच्छा चल रहा है। यहां से अब तक 110 बच्चे हाफिज ए कुरान बनकर फारिग हुए हैं। इस मदरसे में करीब 700 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । उन्होंने यह भी कहा कि समाज में फैली हुई कुरीतियों को दूर करने के लिए शिक्षा अहम है और तालीम के बलबूते ही समाज को नई रौशनी मिलेगी । उन्होंने कहा मदरसे में बच्चों को कुरआन व हदीश की शिक्षा देने के साथ साथ हिंदी,गणित, विज्ञान, अंग्रेजी की भी शिक्षा दी जारही है ,ताकि बच्चों को आगे की शिक्षा के लिए कोई परेशानी नहीं उठानी पड़े। भविष्य में मदरसे के बच्चों को कंप्यूटर की भी शिक्षा देने की योजना है । मदरसा में करीब सात सौ बच्चे शिक्षा पारहे हैं और शिक्षकों को निजी स्तर से रखा गया है, जिसे ग्रामीणों और क्षेत्र के लोगों के सहयोग से मानदेय देने का प्रावधान है । दूसरे प्रदेश से आए मुख्य अतिथि हाजी उस्मान साहब जो सुननी वोरा जोन के सेक्रेटरी हैं, उन्होंने कहा के मदरसे में बच्चों के द्वारा जो प्रोग्राम आयोजित हुई, उसको देखकर मुझे काफी खुशी हो रही है । उन्होंने यह भी कहा कि इस पिछड़े क्षैत्र के आसपास दर्जनों गांव हैं, जहां मार्ग के नाम पर एक अदद पक्की पूल भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी महिला को अगर लेबर पेन हुआ या कोई आपात समस्या हुई तो तुरंत कोई वाहन या एंबुलेंस आना मुश्किल हो जायेगा। ऐसे में यहां एक अदद पक्की पुल का निर्माण होना बहुत ही जरूरी है। आजादी से अब तक यह गांव पिछड़ेपन का शिकार रही है, जिससे दूर करना काफी लाजमी है । इस पिछड़ेपन के कारणों में यहां के जनप्रतिनिधि उतनी ही जिम्मेदार हैं, जितना के जिला प्रशासन। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि उक्त चचरी पुल को पक्की बनाया जाए ताकि लोगों का व आसपास के स्कूली बच्चे का आना जाना व आवागमन खतरे से बाहर हो। इस समस्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी आग्रह किया है कि वह इस पिछडे इलाके का दौरा कर पिछड़ेपन को दूर कराने का हर संभव प्रयास किया जाए। इस मौके पर कौम व मिल्लत के माहिर व सीनियर सक्रिय साथी ,सह सुननी बवाहिर व कई ट्रस्ट के ट्रस्टी हाजी उस्मान पास्ता वाला, मोहम्मद इकबाल कासमी ,हाफिज मुजीब उर रहमान, मास्टर अमीन, हाफिज हलीमुद्दीन, मदरसा हाजा के संस्थापक अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद आरिफ सिद्दीकी आदि उपस्थित थे।