बेवजह वेतन रोके जाने से प्रदेश के अध्यापकों में फैली नाराजगी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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सरकार को जिम्मेवार अधिकारियों का वेतन रोकना चाहिए : पवन मित्तल।
कुरुक्षेत्र, 21 फरवरी : अध्यापकों का आरोप है कि लगभग पूरा फरवरी माह गुजर जाने के बावजूद अध्यापकों का वेतनमान नहीं दिया जाना, सरकार और अधिकारियों के निकम्मेपन का एक और नमूना है। जिसकी हरियाणा प्राइमरी स्कूल हेड टीचर एसोसिएशन कड़े शब्दों मे निंदा करती है।
एसोसिएशन के राज्य प्रधान पवन मित्तल, महासचिव राजेश मोहनपुर व राज्य प्रैस सचिव रमेश थाना ने कहा कि जिस ई- पोस्टिंग डाटा के पूर्ण न होने के कारण अध्यापकों का वेतन रोका गया है। उसकी जिम्मेवारी उच्च स्तर पर बैठे विभागीय अधिकारियों की है, ना कि अध्यापकों की। अध्यापकों को बेवजह 2 महीने से वेतन रोक कर परेशान किया जा रहा है। अगर वेतन रोकना ही है तो उन जिम्मेवार अधिकारियों का रोका जाए। जिन की वजह से ई – पोस्टिंग डाटा पूरा नहीं हो पा रहा है।
एसोसिएशन के राज्य प्रधान पवन मितल ने शिक्षा मंत्री के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों को गोद लेने की बात कही है। एसोसिएशन का मानना है कि सरकार जानबूझकर चिराग योजना, स्कूल मर्जर और पहली कक्षा में दाखिले की उम्र बढ़ाकर सरकारी स्कूलों को बर्बाद करना चाहती है। ताकि इन्हें आसानी से पूंजीपतियों के हवाले किया जा सके। उन्होंने कहा की सरकार कल ही अध्यापकों का वेतन जारी करने का कार्य करे।
हरियाणा प्राइमरी स्कूल हेड टीचर एसोसिएशन के राज्य प्रधान पवन मित्तल।