अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक पर लापरवाही का तो चिकित्सक ने एनएसयूआई नेता पर लगाया धमकी देने का आरोप
अररिया
फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में बीती रात ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा.के.एन.सिंह पर एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष अमित कुमार चौधरी उर्फ डिंपल चौधरी ने अपने एक साल दस माह की बेटी के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है तो ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा.के. एन.सिंह ने अमित चौधरी पर शराब के नशे में धमकी देने के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।चिकित्सक डा.के.एन.सिंह ने अस्पताल उपाधीक्षक को मामले में आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई गई तो अमित कुमार चौधरी ने चिकित्सक के खिलाफ अस्पताल उपाधीक्षक समेत सिविल सर्जन और स्वास्थ्य मंत्री से मामले की शिकायत करते हुए चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर अस्पताल परिसर में भूख हड़ताल पर बैठने की धमकी दी है।
अमित कुमार चौधरी की ओर से किए गए शिकायत में बताया गया कि 22 फरवरी की रात डेढ़ बजे अचानक एक साल दस माह की बेटी पंखुरी कुमारी की तबियत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सक को नहीं देखने पर कर्मचारी से पूछने पर बताया गया कि वह एक कमरे में सोये हुए है।कमरा को काफी देर तक खटखटाने के बाद कमरा का दरवाजा खुलने के बाद बीमार बेटी को देख लेने की गुहार लगाई।जिस पर उन्होंने अस्पताल में थर्मामीटर नहीं होने की दुहाई देते हुए प्राइवेट डॉक्टर से दिखाने की सलाह दी।आवेदन में चिकित्सक पर किसी तरह का उपचार करने से इनकार करने का आरोप लगाया गया है। थर्मामीटर नहीं होने के सवाल पर चिकित्सक के द्वारा इसकी जिम्मेवारी उसकी नहीं होने की बात कही गई।मामले पर अमित कुमार चौधरी ने चिकित्सक की लापरवाही को लेकर वीडियो बनाने की भी बात कही। अपने आवेदन में उन्होंने कहा है कि यदि आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो अनुमंडल अस्पताल परिसर में वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
वही मामले पर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉक्टर के एन सिंह के द्वारा भी अस्पताल उपाधीक्षक को लिखित आवेदन देकर अमित चौधरी पर दुर्व्यवहार करने के साथ स्वयं और कार्यरत कर्मचारी को धमकी देने का आरोप लगाया गया है। चिकित्सक ने अमित कुमार चौधरी के बात करने के लिए को शराब के नशे की हालत में बताया।
बहरहाल इस पूरे प्रकरण को लेकर अनुमंडल अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल खड़े होते हैं।जिसमें मुख्य रुप से इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के साथ व्यवहार से लेकर अस्पताल में थर्मामीटर जैसे संसाधन की अनुपलब्धता बड़ा सवाल है। इससे दिगर यह बात भी सच है कि अनुमंडल अस्पताल में देर रात आने वाले मरीजों के इलाज में लापरवाही बढ़ती जाती है।