श्री जयराम विद्यापीठ में भागवत पुराण,राजस्थान के श्रद्धालुओं द्वारा भागवत पुराण कथा प्रारंभ।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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व्यक्ति को अपना जीवन नीति के अनुसार चलाना चाहिए : पं शिवलहरी गौतम।
भागवत पुराण के श्रवण मात्र से मुक्ति मिलती है : पं शिवलहरी गौतम।
कुरुक्षेत्र, 27 फरवरी : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ब्रह्मसरोवर के तट स्थित श्री जयराम विद्यापीठ में दुर्वासा नाथ सेवा सत्संग मंडल के तत्वाधान में आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ से विख्यात कथावाचक पं शिवलहरी गौतम ने बताया कि अपने जीवन को नीति के हिसाब से चलाना चाहिए। जो व्यक्ति अपने जीवन को नीति के हिसाब से चलाता है, उसके कुल में ध्रुव जैसे पुत्र जन्म लेते हैं। जिस के कुल में ध्रुव जैसे पुत्र ने जन्म लिया है। शास्त्रों में ऐसा प्रमाण है कि वह इक्कीस कुल आगे और इक्कीस कुल पीछे के पूर्वजों का उद्धार कर देते हैं। भागवत की कथा कराने के साथ-साथ उसको श्रवण करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। क्योंकि एक भागवत महापुराण ही ऐसा ग्रंथ है जो कि मुक्ति के लिए गर्जना करता है। इसमें प्रमाण हैं। एकम् भागवतम् शास्त्रम् मुक्ति दानेन गर्जति एक ऐसा शास्त्र है। जिसको श्रवण करने मात्र से मुक्ति मिल जाती है। राजा परीक्षित को सात दिन में मृत्युदंड का श्राप मिला जोकि शुकदेव महाराज के द्वारा साप्ताहिक श्रीमद भागवत महापुराण की कथा श्रवण करने से उनको मुक्ति मिल गई। यह कथा जहां तक सुनाई देती है वहां तक के जीव-जंतु सभी प्रकार के प्राणियों को पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। उस गांव की मिट्टी भी पवित्र हो जाती है। कथा आयोजन से जुड़े रमेश नुवाल, किशन गोपाल, सोमानी, दुर्गाशंकर मंत्री, भगवान आगसूड, राधेश्याम पनवाड़, बृजमोहन हल्दिया, गिरिराज, हरिशंकर, न्याति, कान सिंह हाडा, नेवा लाल गुर्जर सभी भक्त कथा में मौजूद रहे। श्री जयराम विद्यापीठ में कथा के लिए सभी यात्री कोटा बूंदी जयपुर हिंडोली देवली से पधारे हुए हैं। विद्यापीठ में सात दिवसीय भागवत कथा चल रही है। इस मौके पर के. के. कौशिक, खरैती लाल सिंगला, टेक सिंह, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक व रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
व्यासपीठ पर कथा करते हुए पं शिवलहरी गौतम एवं कथा श्रवण करते श्रद्धालु।