वैशाख अमावस्या पर दक्षिण भारत परम्परा अनुसार होगा शनि जयंती पूजन : महंत जगन्नाथ पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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वैशाख अमावस्या के दिन है वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण।
कुरुक्षेत्र, 18 अप्रैल : सूर्य पुत्र शनि देव की आराधना करने वाले श्रद्धालुओं के लिए शनि जयंती पूजन का विशेष महत्व है। अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि इस वर्ष शनि जयंती दो बार मनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि वैशाख अमावस्या के दिन दक्षिण भारत की परम्परा के अनुसार धूमधाम से शनि जयंती मनाई जाएगी। इस बार दक्षिण भारत की परम्परा के अनुसार 20 अप्रैल को शनि जयंती मनाएंगे। इसी दिन वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि इसके बाद उत्तर भारत की परम्परा के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन 19 मई को शनि जयंती मनाएंगे।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि मारकंडा नदी के तट पर स्थित नवग्रह मंदिर के साथ शनि शिला पर शनि जयंती पूजन का विशेष पूजन होगा। वैशाख अमावस्या एवं ज्येष्ठ अमावस्या के दोनों ही दिन शनि जयंती का पूजन होगा।
महंत जगन्नाथ पुरी जानकारी देते हुए।