भगवान परशुराम वीरता और महानता के प्रतीक माने जाते हैं : ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने दी भगवान परशुराम जयंती पर शुभकामनाएं।
कुरुक्षेत्र, 22 अप्रैल : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित धार्मिक, शैक्षणिक, सामाजिक एवं स्वास्थ्य संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर कुरुक्षेत्र वासियों, प्रदेशवासियों तथा देशभर के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने बताया कि वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को त्रेता युग में भगवान परशुराम का जन्म ऋषि जमदग्नि और रेणुका के यहां हुआ था।
भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। भगवान परशुराम का जिक्र महाभारत और रामायण में भी है। ब्रह्मचारी ने कहा कि भगवान परशुराम वीरता और महानता के प्रतीक माने जाते हैं, वह एक शिव भक्त थे। शास्त्रों में उन्हें अमर माना गया है।
ब्रह्मचारी ने कहा कि भगवान परशुराम ने ही सिखाया है कि शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान ही इंसान को बलवान बनाते हैं। धर्म की रक्षा हमेशा करना यही उनके द्वारा सिखाया गया। भगवान परशुराम दुराचार और अत्याचार के घोर विरोधी थे। उन्होने अपने जीवन में न्याय को प्राथमिकता दी।
जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।