विश्व पृथ्वी दिवस पर कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह ने किया जागरूक।
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धरती की घटती उर्वरता शक्ति चिंता का विषय है : डा. सी बी सिंह।
किसान अधिक उपज लेने के लिए धरती को रहे हैं निचोड़ : डा. सी बी सिंह।
कुरुक्षेत्र, 22 अप्रैल : धरती की घटती उर्वरता शक्ति चिंता का विषय है। पहले ही धरती में घटते जल स्तर ने कृषि की स्थिति को खराब किया है। कृषि महंगी दर महंगी होती जा रही है। ऐसे में किसानों को अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. सी बी सिंह ने विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों की अधिक से अधिक पैदावार लेने की होड़ ने धरती को निचोड़ कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें किसानों द्वारा अधिक कृषि रासायनों प्रयोग भी कारण है। उन्होंने कहा कि सबका विश्वास और उम्मीद कृषि पर ही है। भारत कृषि प्रधान देश है। भारत की कृषि ही देश को संभाल सकती है। डा. सिंह ने कहा कि कृषि का अर्थ ही पृथ्वी और मृदा है। जब तक भूमि सुरक्षित रहेगी, उपजाऊ रहेगी तभी कृषि टिकी रहेगी। किसानों ने आधुनिक तरीकों, अत्यधिक रसायनों, अधिकतम उपज लेने के लालच में भूमि को बिल्कुल निचोड़ लिया गया है। आर्गेनिक कार्बन, पोषक तत्व न्यूनतम स्तर पर आ चुके हैं। अब किसान भी इस स्थिति समझ रहे हैं कि अगर इसी तरह व्यवहार किया गया तो भूमि को बंजर होने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में फिर इस बढ़ती हुई जनसंख्या का पेट कैसे भरेगा। मृदा की सेहत सुधारने हेतु सबको एकजुट होना होगा। परम्परागत पुराने तौर तरीकों, प्राकृतिक प्रदत्त उत्पादों का प्रयोग बढ़ाना होगा। जहरीले रसायनों से तौबा करनी पड़ेगी। तभी मृदा की उपजाऊ शक्ति बच पाएगी।
कृषि विशेषज्ञ डा. सी बी सिंह।