तीन दिवसीय भगवान परशुराम जयंती के समापन पर महंत जगन्नाथ पुरी ने दी पूर्णाहुति।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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ऋषि मार्कंडेय एवं भगवान परशुराम अमरत्व को प्राप्त हैं : महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 23 अप्रैल : रविवार को अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने सर्वप्रथम मारकंडा नदी के तट पर स्थित श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव के परम् शिष्य ऋषि मार्कंडेय एवं शिव परिवार का आह्वान कर पूजन किया तथा पवित्र शिवलिंग पर अभिषेक किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु ऋषि मार्कंडेय का पूजन करने पहुंचे।
इस के उपरांत गांव भूस्थला में स्थित ब्राह्मण धर्मशाला में चल रहे तीन दिवसीय भगवान परशुराम जयंती के समापन कार्यक्रम में महंत जगन्नाथ पुरी शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने हवन यज्ञ में पूर्णाहुति दी। यह हवन प. ओम प्रकाश शर्मा, प. रमेश शर्मा, प. बशेश्वर शर्मा, प. कर्म चंद, प. कंवर पाल शर्मा, गुलाब राणा, प. अमित शर्मा, प. पवन शर्मा, प. संदीप शर्मा एवं प. संजीव शर्मा द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न करवाया गया।
भगवान परशुराम जयंती के समापन अवसर पर धर्मशाला में आयोजित सत्संग एवं संकीर्तन में महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि भगवान परशुराम परम् शिव भक्त थे। उन्होंने धर्म की रक्षा की प्रेरणा दी। इसी प्रकार भगवान शिव के परमभक्त ऋषि मार्कंडेय अल्पायु थे, लेकिन उन्होंने महामृत्युंजय मंत्र सिद्ध किया और वे चिरंजीवी बन गए। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि 8 चिरंजीवियों में भगवान परशुराम सहित महर्षि वेदव्यास, अश्वत्थामा, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और ऋषि मार्कंडेय हैं जो आज भी इस कलयुग में विचरण कर रहे हैं।
इस मौके पर आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। हवन के समापन के उपरांत श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।
हवन की समाप्ति के अवसर पर महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य श्रद्धालु।