मध्य प्रदेश/ रीवा अगर जनता को इतना ही प्रेम होता इस सरकार से तो भीड़ इकट्ठा करने की जिम्मेदारी प्रशासन की न होती- ऋषभदेव तिवारी
स्टेट हेड/ राहुल कुशवाहा मध्य प्रदेश…8889284934
रीवा :- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से छात्र संघ मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभदेव तिवारी (शेरा) ने प्रधानमंत्री के रीवा आगमन और उनकी सभा को सिर्फ एक जुमला बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के आने से जिले में किसी को कोई लाभ नही हुआ बल्कि जुमलो की बरसात करके प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जनता के समय और उनके कारोबार को प्रभावित किया है, जहाँ प्रधानमंत्री के आने की तैयारी में करोड़ो रूपये का खर्च किया गया वो सरकारी खजाने से किया गया , प्रधानमंत्री के सामने जिले की वास्तविक स्थिति को छिपाकर एक काल्पनिक छवि दिखाई गई है, लोगो की भीड़ को इकट्ठा करने के लिए रात से ही जिले के समस्त ग्राम पंचायत सरपंच सचिव आदि को जिम्मेदारी दी गई कि गाँव के भोले भाले लोगो को जबरदस्ती बसों में भरकर लाओ ताकि भीड़ दिखाई जा सके, अगर वास्तविक रूप से जनता को प्रधानमंत्री की बात सुननी होती तो लोगो मे उत्साह होता लेकिन ऐसा नही था,और तंत्र का दुरुपयोग करते हुए जनता के साथ छल किया गया, उसके बाद पहले तो सभा मे जुमलों की बरसात की गई, जो कि गांव से लाई गई भोली भाली जनता के पल्ले नही पड़ी ,उसके बाद सभा समाप्त होते ही सभा मे आये लोगों को धूप में 10 किलोमीटर पैदल चलकर आना जाना पड़ा, उस पर भी महिलाएं बच्चे भूखे प्यासे रहे, इतना सब होने के बाद भी सभा मे जो उम्मीद लगाई गई वो पूरी नही हुई , कार्यक्रम की शुरुआत में रीवा की बच्चियों द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने जैसी बातों को अपने गीत और अभिनव के माध्यम से प्रदर्शित किया बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति रही ,लेकिन एक तरफ वही सवाल की एक तरफ जैविक खेती को प्रोत्साहन देना है वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुखिया गेहूं के उत्पादन में 4 गुना वृद्धि होने के मामले में अपनी पीठ थपथपा रहे, यहां उत्पादन पर प्रोत्साहन है तो जैविक खेती पर लोग कैसे आधारित होंगे, अगर जैविक खेती पर जोर देना है तो सबसे पहले इस पद्धति से खेती करने वाले किसानों को लाभ देना होगा जो कि उनके उत्पादन को सही मूल्य दिलाए जाने पर संभव होगा , हमेशा की तरह पूर्व सरकारों को कोसते हुए प्रधानमंत्री ने एक आंकड़ा प्रस्तुत किया जहां 2014 के पहले पंचायती राज बजट को एक बार 17000 वहीं दूसरी बार 70000 करोड़ बताया जहां थोड़ा सा हास्य पद एवं संशय पूर्ण स्थिति बनी,, अर्थात क्या बोलना है किन आंकड़ो को प्रस्तुत करना है इसकी तैयारी नही हुई क्योंकि जुमलो की माला जो पहनानी थी जनता को,,और भोली भाली जनता को अभी भी यह बात समझ नहीं आ रही कि सरकारी अर्थ और तंत्र दोनों का दुरुपयोग सिर्फ अपनी सरकार की झूठी उपलब्धि गिनाने में खर्च कर रही है,, सारा प्रशासन नतमस्तक है इस सरकार के आगे , प्रधानमंत्री के रीवा आगमन से जनता को हुआ भारी नुकसान, साथ ही सभा रही फ्लॉप, साथ ही जिस तरह से बाजार को बंद कराया गया सभी प्रतिष्ठानों को प्रभावित किया गया आवागमन प्रभावित रहा ये सब देखकर साफ समझ आता है कि तानासाही बढ़ रही है,,अगर स्थिति ऐसी ही रही और जनता ने समय रहते नही समझा तो भविष्य की कल्पना से ही भय होता है