खिरिया बाग(कप्तानगंज)आजमगढ़। जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में खिरिया बाग का धरना आज भी जारी रहा। धरने में रोज की तरह गांव-गांव के किसान, मजदूर, महिलाओं ने हिस्सा लिया। धरने में एयरपोर्ट विस्तारिकरण परियोजना रद्द कराने संबंधित नारे लगे। धरने में कारपोरेट लुटेरों भारत छोड़ो, खेती छोड़ो, एयरपोर्ट का विस्तारीकरण रद्द होने का लिखित आश्वासन दो,पहले लड़े थे गोरों से-अब लड़ेंगे चोरों से, जमीन हमारी आपकी-नहीं किसी के बाप की, लड़ेंगे-जीतेंगे, जान देंगे-जमीन नहीं देंगे,एयरपोर्ट बहाना है-जमीन लूट निशाना है, कौन बनाता हिंदुस्तान ,भारत का मजदूर-किसान, इंकलाब जिंदाबाद आदि नारे गूंजते रहे। धरने में कविताएं और गीत भी सुनाए गए।
वक्ताओं ने कहा कि खिरिया बाग के किसानों मजदूरों की लड़ाई देशव्यापी किसान आंदोलन का हिस्सा बन चुकी है. पूर्वी उ.प्र. के किसानों को इस आंदोलन ने आशा दिलाई है. पूर्वी उ.प्र. के छोटे किसान ,खेत मजदूरों ,महिलाओं का यह संघर्ष जगह -जगह उठ रहे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन जब फसलों के दामों को लेकर संगठित हुए पश्चिमी यूपी, हरियाणा, पंजाब के किसानों के साथ जुड़ चुका है। पूरे देश के किसान-मजदूर के उठ रहे आंदोलन के नये जन उभार से हिटलरी मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार घबड़ाहट में गलत कदम उठा रही है । किसान-मजदूर एकजुटता सरकार के लिए नया सिर दर्द बनने वाला है।इसीलिए पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में किसान-मजदूर नेताओं,सामाजिक कार्यकर्ताओं की फर्जी धाराओं,केसों में फंसाकर दमन चक्र चलाना जारी रखी है। सरकार जनता की मांगों को अनसुना करके हवा हवाई सूचनाएं जारी कर रही है । सरकार को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि अगर किसान जमीन नहीं देना चाहता है तो उसकी सहमति के बगैर जबरन जमीन नहीं लेना चाहिए । ऐसा करना लोगों के आक्रोश को बढ़ने से रोक नहीं पायेगा।लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर कोई विकास बेमानी होगी।
धरने को का.त्रिलोकीनाथ , प्रेम नारायण, राजेश आज़ाद, रामनयन यादव,नरोतम यादव,मुराली, सत्यवीर ,सुनील कुमार , हरिहर प्रसाद ,फूलमती देवी आदि ने संबोधित किया।
आज की अध्यक्षता हरिहर और संचालन रामशबद निषाद ने किया।