राजकुमार केसरवानी
जबलपुर। बुंदेली लोक साहित्य, कला, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण-संवर्धन के साथ ही भाषा विज्ञानी के रूप में भी डॉ. पूरनचंद श्रीवास्तव का साहित्य
लोक वैभव का प्रतीक है। उनके द्वारा सृजित कृतियाँ संस्कृति और संस्कारों के संवर्धन में सहायक हैं, जिन पर शोध कर उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उक्त विचार राष्ट्रीय श्रमजीवी पत्रकार परिषद के राष्ट्रीय सयोजक वरिष्ठ पत्रकार समाजसेवी नलिन कांत वाजपेई ने डॉ. पूरनचंद श्रीवास्तव के जयंती जन्मोत्सव के अवसर पर शहीद स्मारक भवन में आयोजित बुंदेली दिवस पर सम्मानित होने पर व्यक्त किए।
कार्यक्रम का आयोजन गुंजन कला सदन ने किया। नृत्यांगनाओं व नर्तकों ने नृत्यगुरु मोती शिवहरे के संयोजन में नृत्य प्रस्तुत किए। बुंदेली नृत्यों ने अनुपम छठा बिखेरकर कार्यक्रम में चार चाँद लगाए। इस अवसर पर किरण देवी अग्रवाल स्मृति बाल चित्रकला प्रतियोगिता व सरदार आरएस चौपड़ा स्मृति बुंदेली नृत्यश्री स्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। बुंदेली नृत्यकला के सीनियर ग्रुप में ऋषि यादव को नृत्यश्री से अलंकृत किया गया। द्वितीय अनुषा शर्मा, तृतीय रिद्धिमा पहारिया तथा सांत्वना पुरस्कार से सुमित चौधरी व आशिता कुमार को दिया गया। जूनियर ग्रुप में प्रथम काव्या पटेल उप नृत्यश्री, द्वितीय वार्तिक नामदेव, तृतीय स्मिता डे तथा सांत्वना पुरस्कार से वैष्णवी श्रीवास्तव व शांभवी नामदेव को सम्मानित किया गया।
बुन्देली दिवस पर सम्मानित हुए पं. नलिनकांत बाजपेई
श्रमजीवी पत्रकार परिषद के राष्ट्रीय संयोजक, कुशल संगठक, पत्रकार पं. नलिनकांत बाजपेई का लोक विज्ञानी, शिक्षाविद डॉ. पूरनचंद श्रीवास्तव के स्मृति जन्मोत्सव “बुंदेली दिवस” पर शहीद स्मारक भवन, जबलपुर में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया। बाजपेई जी को सांसद, पत्रकार पंडित मुंदर शर्मा स्मृति “लोक जागरण पत्रकारिता अलंकरण” से विभूषित किया गया। उनके साथ ही शहर के हर क्षेत्र में अग्रणी विभूतियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय श्रमजीवी पत्रकार परिषद के मनोहर नायक,रजत गुप्ता, परमानंद तिवारी,गंगा चरण मिश्रा,देवशंकर अवस्थी,राजेश दुबे, विलोप पाठक, मयंक तिवारी, चंद्रशेखर शर्मा,मनीष पारासर, उमेश शुक्ला,रविंद्र शर्मा,शिव चौरसिया, राजकुमार केसरवानी सहित सभी पधाधिकारी ने बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की