इदरीसिया दर्जी समाज अधिकार के लिए एकजुट हो : भारती
दर्जी आर्टिजन विकास समिति अविलंब लागू किया जाए : वारसी
रिपोर्ट मोहम्मद आसिफ अता
गया / हाजीपुर (वैशाली)वैशाली जिले से शुरू होकर पटना के बाद गया में पहुंचा इदरीसिया दर्जी अधिकार सम्मेलन का कारवां।इदरीसिया दर्जी फेडरेशन के तत्वावधान में गया स्थित वजीर गंज में आयोजित इदरीसिया दर्जी अधिकार सम्मेलन से संबोधित करते हुए वीर अब्दुल हमीद फाउंडेशन के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष अली इमाम भारती ने कहा कि सरकार की बेरूखी के सबब इदरीसिया दर्जी समाज आज तक अपने अधिकार से वंचित है।ये समाज अपने अधिकार के लिए वर्षों से संघर्ष कर रही है।सरकार को इसी का एहसास कराने के लिए ही गया की सरजमीं पर इदरीसिया दर्जी अधिकार सम्मेलन किया जा रहा है।श्री भारती ने कहा कि 2010 में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी पसमांदा समाज के निचले पायदान से आने वाले धुनिया,रंगरेज़,दर्जी बिरादरी को मिलाकर (धुरद) को ऑपरेटिव फेडरेशन का गठन किया।लेकिन अफसर शाही के कारण (धुरद) को धूल में मिला दिया गया।वर्ष 2019 में पुनः श्री नीतीश कुमार जी द्वारा धुनिया,रंगरेज़,दर्जी आर्टीजन विकास समिती का गठन किया गया।लेकिन मुख्यमंत्री हाउस में बैठे सांप्रदायिक मानसिक ऑफिसरों द्वारा आज तक विकास की मुख्यधारा से धुनिया,रंगरेज़,दर्जी समाज को कोंसो दूर रखा गया है जो खेद का विषय है।विभिन्न विभागों में वर्दी सिलाई कर बिहार सरकार को अपूर्ती करने का ठेका जीविका दीदी के माध्यम से किया जा रहा है जो गलत है।मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी को चाहिए कि दर्जी आर्टिजन विकास समिती द्वारा कराया जाये ताकि बिहार के सदियों से उपेक्षित लाखों दर्जी समाज को रोज़गार मिले जो अपनी परेशानियों पर रोज़गार के लिए तार तार आंसू बहा रहे हैं।श्री अली इमाम भारती ने कहा कि इंसान को जन्म से लेकर मरते दम तक देवी से लेकर देवता तक,राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक,राजा से लेकर महाराजा तक,एक सफाई कर्मी तक को सजाने संवारने का काम करती है उसे नजरअंदाज करना घोर अन्याय है।हमारे देश की आन,बान,शान तिरंगा सिलकर परचम पर लहराने वाले अपने आपको गौरवान्वित समझते हैं।भारत-पाक जंग के अमर शहीद परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद ने तिरंगा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी।जबकि एक तरफ मुसलमान गोली चला रहे थे तो दूसरी तरफ मुसलमान गोली खा रहे थे।लेकिन अब्दुल हमीद को अपना वतन भारत माँ प्यारा था मुसलमान नहीं।केंद्रीय सरकार को चाहिए कि वीर अब्दुल हमीद के तुफैल में दर्जी विकास वित्त निगम का गठन,दस्तकार दर्जी आयोग का गठन कर सदियों से उपेक्षित दर्जी समाज को सत्ता में भागीदारी दें ताकि दर्जी समाज अपनी परेशानियों से बाहर निकल कर देश व समाज के लिए काम करें।उन्होंने लोगों को आह्वान करते हुए समाज के लोगों से बाबा भीमराव अंबेडकर की तरह सबसे पहले शिक्षित बनने पर जोर दिया।लोगों से कहा कि अपने समाज के लोगों की जरूर मदद करें।भीख मत मांगिए अपने अधिकार के लिए एक हो जाएं यही आपकी ताकत है और आपके इसी ताकत से सब डरेंगे।आजादी से लेकर अब तक पसमांदा समाज को सभी सरकार ने सब्ज बाग दिखाया।वोट लिया,इस्तेमाल किया और समाज को कुछ भी नहीं दिया।सत्ता में भागीदारी के लिए आज भी यह समाज सबसे पीछे है।इन्होंने कहा कि अपने अधिकार के लिए यह समाज अब जग गया है।इसीलिए अपने अधिकार के लिए सब लोग एकजुट होकर इदरीसिया दर्जी समाज अधिकार के लिए आगे आएं।वहीं फेडरेशन के प्रदेश महासचिव राजू वारसी ने कहा कि किसी सरकार ने आज तक इदरीसी दर्जी समाज को सत्ता में हिस्सेदारी नहीं दिया।यह समाज पचास लाख की आबादी के बावजूद आज तक एक सांसद तो दूर एम एल ए,एम एल सी नहीं है।अब वक्त आ गया है सरकार को अपनी ताकत बताने का।सभी लोग एकजुट होकर सरकार को अपनी ताकत दिखाएं।कार्यक्रम की अध्यक्षता रज्जन इदरीसी व संचालन मोहम्मद कय्यूम इदरीसी ने किया।जबकि कार्यक्रम में शौकत इदरीसी गया,सफर आलम नवादा,मोहम्मद अयूब इदरीसी,मोहम्मद तैयब,मोहम्मद रियाज़,मोहम्मद राजेश,मोहम्मद इमामुद्दीन,मोहम्मद फैयाज,मोहम्मद रियाज उर्फ पप्पू,मोहम्मद जाहिद,मोहम्मद मधु उर्फ सत्तार,मोहम्मद सकीफ (पंचू दा),मोहम्मद एकराम,मोहम्मद शाहबाज़,मोहम्मद सद्दुद्दीन (सादो),मोहम्मद अफरोज,मोहम्मद जियाउद्दीन उर्फ सिबलू,मोहम्मद शफी आलम (सचिव),मोहम्मद अफ़रोज़,मोहम्मद मनौवर,मोहम्मद अफ़रोज़ (बबलू) नायब सदर,मोहम्मद इब्राहिम (नाजो),मोहम्मद करु आदि शामिल हुए।इस अवसर बड़ी संख्या में इदरीसिया दर्जी समाज के लोग मौजूद रहे और कार्यक्रम को सफल बनाया।
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