अब सनातन धर्म की महान परंपराओं व मान्यताओं को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है : देवकीनंदन महाराज।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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हिसार 5 सितंबर : विश्व हिन्दू महासंघ भारत के राष्ट्रीय सचिव हरीश वर्मा, विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष विकास पराशर, राजकुमार नाथ संगठन महामंत्री गोपाल भक्त व अन्य पदाधिकारियों के दल को वृंदावन स्थित संत देवकीनंद आश्रम में राष्ट्रीय संत देवकीनंदन महाराज ने हिंदूत्व की रक्षा व उसके संवद्र्धन को लेकर कार्य करने पर अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस मौके पर राष्ट्रीय संत देवकीनंदन महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि देश के महान संत हिन्दुत्व को बचाने में अपना जीवन लगा देते हैं। संत महात्माओं का सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति को बचाए रखने में अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि वेद शास्त्र हमारी धरोहर है और अंग्रेजो ने सबसे पहले हमारी वेद संस्कृति पर प्रहार किया उनका मानना था कि इस पद्धति को नष्ट किए बिना हिन्दुओं से जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है लेकिन अब समय आ गया है कि सनातन धर्म की महान परम्पराओं व मान्यताओं को पुनर्जीवित किया जाए और यह पावन कार्य केवल मंचासीन महान विभूतियों द्वारा ही संभव है। सभी संतों ने इस बात को लेकर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि जिस तरह से धर्मान्तरण हो रहा है इसको रोकना होगा। हमारा सभ्य समाज जिस तरह से धर्म के विमुख हो रहा है यह बहुत ही गंभीर विषय है। एक तरफ पश्चिमी देशों में लोग हिन्दू धर्म की और आकर्षित हो रहे हैं और दूसरी तरफ हम हमारा धर्म छोड़ रहे हैं। इसके लिए संत किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं क्योंकि हमारे लिए धर्म, संस्कृति व समाज हित सर्वोपरि है।
महाराज श्री ने विश्व हिन्दू महासंघ संगठन की प्रशंसा करते हुए कहा कि संगठन देश में हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार व उसकी रक्षा की दिशा में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय सचिव हरीश वर्मा को व उनकी टीम इसके लिए बधाई दी।
विश्व हिन्दू महासंघ राष्ट्रीय सचिव हरीश वर्मा ने कहा कि जिस तरह सनातन धर्म व संस्कृति का पतन होता जा रहा है उसे देखते हुए हमारे महान संतों को मंदिर व मठों से बाहर आकर अपने धर्म की रक्षा के लिए आगे आना होगा। इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव हरीश वर्मा, विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष विकास पराशर, राजकुमार नाथ संगठन महामंत्री गोपाल भक्त सहित विश्व हिन्दू महासंघ भारत के कई सदस्य उपस्थित रहे।