गीता की जन्मस्थली में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का मिलता है विशेष पुण्य : महंत जगन्नाथ पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया व धर्मनगरी में कर्म का संदेश दिया।
कुरुक्षेत्र, 6 सितम्बर : मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं संत महापुरुषों ने जन्माष्टमी का पूजन किया एवं भगवान श्री कृष्ण के भजनों का गुणगान किया गया।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि गीता की जन्मस्थली धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष पुण्य मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया। बाल श्री कृष्ण कन्हैया जैसी लीला मनुष्य तो क्या कोई अन्य देवता भी नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है। जैसे जिसको कर्तव्य का अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा हो तो वह क्रिया कहलाती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहाकि कलयुग में केवल कृष्ण का नाम ही आधार है जो भवसागर से पार लगाते हैं। परमात्मा को केवल भक्ति और श्रद्धा से पाया जा सकता है। इस अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी सीता राम, बिल्लू पुजारी, नाजर सिंह, बबिता, कुसुम इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में भजन संकीर्तन अवसर पर महंत जगन्नाथ पुरी।