पूर्णिया एक विवाहित शादी के 20-25 दिन बाद पुलिस अधीक्षक के पास पति से छुटकारा दिलवाने की फरियाद लेकर पहुंच गई पुलिस अधीक्षक ने मामला को सुलझाने के वास्ते पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के पास भेज दिया जहां नव विवाहिता बताई कि वह अपने भाई की शादी में बारात गई थी जहां लोगों को उसके बारे में पता चल गया कि वह सरकारी नौकरी करती है उसके बाद भाई की ससुराल वालों ने मेरे घर वालों से मिलकर मेरी इच्छा के विपरीत शादी करवा दी बाद में मुझे पता चला मेरा पति प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है और बैंक से बहुत सारा कर्जा ले रखा है जिसे चुकाने में वह समर्थ है उसके पिता की जमीन शुदभरना पर लगी हुई है वे लोग मुझसे रुपया की मांग करने लगे मुझे यह समझते देर नहीं लगी यह शादी मुझ से नहीं बल्कि मेरी नौकरी देखकर किया है केंद्र में खड़े लड़की के पिता एवं परिजनों ने कहा यह झूठ बोलती है और मनगढ़ंत कहानी सुना रही है लड़की किसी भी सूरत भी सूरत में लड़का के साथ रहने के लिए तैयार नहीं थी केंद्र ने तीन महीना सोचने का समय दिया साथ साथ साथ हिदायत दिया जब साहब भी इतनी जल्दी तलाक नहीं देते हैं और केंद्र तो तलाक देता ही नहीं है