भारतीय संस्कृति, संस्कारों तथा सनातन का पूरे विश्व में आदर है : महंत राजेंद्र पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी बोले भारत देश को भारत कहने में क्या परेशानी है।
कुरुक्षेत्र, 10 सितम्बर : जग ज्योति चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक एवं जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि आज पूरा विश्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतवर्ष का सम्मान कर रहा है। पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति, संस्कारों तथा सनातन को आदर दिया जाता है।
उन्होंने रविवार को सत्संग के अवसर पर सर्वकल्याण के लिए धर्म प्रचार एवं सनातन का गुणगान करते हुए कहा कि पूरे संसार को संदेश है कि हमारा देश भारत देश है तो भारत ही कहा जाना चाहिए। देश को भारत कहने में जिन्हें दिक्कत है, उन्हें अपनी आदत सुधार लेनी चाहिए। भारत माता की जय का जयकारा बोलना चाहिए।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि हमारे देश का नाम भारत काल्पनिक नहीं है। प्राचीन काल में विश्वामित्र और मेनका की पुत्री शकुंतला का विवाह राजा दुष्यंत से हुआ और उनके पुत्र राजा भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत रखा गया। दुर्भाग्य से चंद मुठ्ठी भर अंग्रेज हमारे देश में आए जिन्होंने अपनी कूटनीति और गलत विचार धारा के चलते इंडिया नाम दिया। इंडिया न हमारी संस्कृति में, न पुराणों में, न गीता में, न ही किसी युग में किसी भी संस्करण में इंडिया का नाम उल्लेख है।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि हमारे भारत देश में आरंभ से ही गऊ माता की पूजा की जाता है। धार्मिक कार्यों में किसी भी आध्यात्मिक अनुष्ठान में गौ माता का दूध प्रयोग किया जाता है। बच्चों के लिए उपयोगी बताया जाता है। हमारे देश में गौ माता हमारी भारतीय देशी नस्ल की गाय गिर, राखी, साहीवाल, हरियाणा नस्ल गाय होती थी, जो कि आज भी 20 से 30 लीटर उपयोगी निरोगी दूध देती है। परंतु उन्हीं चंद लोगों ने अपनी बुरी सोच के आधार पर अंग्रेजी गाय हमारे देश में लाई गई और धीरे धीरे हमारी देसी गाय खत्म होती जा रही है। जिससे गाय का निरादर भी हो रहा है। इसी तरह से भारत की जगह अंग्रेजी नाम इंडिया दिया गया। अभी वक्त है और हमें मौका मिला है तो हर भारतीय को आज से संकल्प लेना चाहिए इंडिया शब्द अपने दिल दिमाग से खत्म कर देंगे।
सत्संग में मौजूद भारी संख्या में श्रद्धालु एवं सत्संग करते हुए महंत राजेंद्र पुरी।