देवताओं में प्रथम आराध्य भगवान श्री गणेश महोत्सव के स्वागत के लिए शुरू हुई तैयारियां।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
श्री गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है :महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 12 सितम्बर : देश के विभिन्न शहरों और कस्बों में देवताओं में प्रथम आराध्य भगवान श्री गणेश के स्वागत के लिए तैयारियां जोरों शोरों से की जाती हैं। भारतीय संस्कृति एवं धर्म को मानने वाले लोग सबसे पावन त्यौहारों में से एक गणेश चतुर्थी का सभी लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि श्री गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया इस बार गणेश चतुर्थी 18 सितम्बर को पड़ रही है। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में भी प्रत्येक वर्ष श्री गणेश चतुर्थी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश उत्सव को लेकर मूर्तिकारों ने तैयारियां लगभग 6 महीने पहले ही शुरू कर दी थी। अभी भी गणेश जी की मूर्ति बनाने में लगे हुए हैं।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि जिस प्रकार पूरे देश में दुर्गा पूजा को मनाया जाता है, ठीक उसी तरह ही श्री गणेश चतुर्थी की धूम रहती है। उन्होंने बताया कि इस दिन देवताओं में प्रथम आराध्य श्री गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार श्री गणेश चतुर्थी के ही दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी के दिन लोग कई जगह भगवान श्री गणेश की प्रतिमा को स्थापित करते हैं और 9 दिनों तक उसका पूजन करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से लोगों को सारे कष्ट दूर होते हैं और उनके जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।
महंत जगन्नाथ पुरी जानकारी देते हुए।