दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज प्राचीन शिव मन्दिर के मुख्य मुख्य या कहें एक मात्र मार्ग पर अतिक्रमण को लेकर पुलिस बनी मूक दर्शक। अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है, जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट आदेश जारी किए है कि प्रदेश के सभी मंदिरों के आसपास का अतिक्रमण हटाया जाएगा और मंदिरों की साफ सफाई की जाएगी और इसकी जिम्मेदारी जनपद के प्रशासनिक और पुलिस विभाग के अधिकारियों की होगी। लेकिन सीबीगंज क्षेत्र में ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा। बरेली नगर के प्रथम नागरिक के इस मन्दिर में दस्तक देने के बावजूद न तो पुलिस और न ही भाजपा के नेता इस मन्दिर के मार्ग को जाम से मुक्त करा पाए। इसे राज्य के मुख्यमंत्री की आदेश की अनदेखी कहें या कुछ और!
जानकारी के अनुसार, बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर रोड स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पास स्थानीय जमीदार की बड़ी बाजार लगती है जिसकी वसूली का काम कई ठेकेदार रूपी कर्मचारी करके स्थानीय जमीदार को उपलब्ध कराते हैं इसका पता नहीं की इस वसूली का कितना हिस्सा प्रशासन में बैठे हुए अधिकारी और कर्मचारियों के साथ पुलिस विभाग को जाता है अगर ऐसा नहीं होता तो नेशनल हाईवे नंबर 24 पर खुलेआम अतिक्रमण को कोई न कोई अधिकारी जरूर रोकने का प्रयास कभी न कभी जरूर करता। लेकिन अफसोस की बात तो यह है इस प्राचीन मंदिर जो की बड़ी बाजार से सटा हुआ है इस मंदिर में बरेली नगर विधायक जो की इस समय उत्तर प्रदेश सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं उनके अग्रज एडवोकेट अनिल कुमार सक्सेना और बरेली नगर के प्रमुख एवं मेयर उमेश गौतम का आना जाना लगा रहता है उसके बावजूद इस मंदिर का अतिक्रमण आज तक न तो पुलिस विभाग ने और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने हटाना उचित समझा। आपको बता दें कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉक्टर अरुण कुमार के अग्रज एडवोकेट अनिल कुमार सक्सेना इसी प्राचीन मंदिर में जो की सीबीगंज नेशनल हाईवे नंबर 24 पर बना हुआ है पर स्वच्छता कार्यक्रम को लेकर आए थे ठीक उसके अगले दिन यानी शुक्रवार को 3:30 बजे के आसपास बरेली नगर के प्रमुख एवं मेयर उमेश गौतम एक कार्यक्रम को लेकर इस मंदिर में पहुंचे ठीक उसी के बाद थाना सीबीगंज प्रभारी निरीक्षक राधेश्याम इस मंदिर के पास लगने वाली बड़ी बाजार के कारण अतिक्रमण को हटाते हुए दिखे। इससे साफ होता है कि जब कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि मौके पर आएगा तो रास्ता साफ कर दिया जाएगा उसके बाद कुछ भी हो उसकी न तो प्रशासनिक अधिकारियों को कोई चिंता है और न ही पुलिस विभाग को। मंदिरों को लेकर इतनी लचर व्यवस्था शायद ही आपने कहीं देखी हो और वो भी तब, जब श्री रामलला के मंदिर के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार के साथ पूरा देश राम मय हो चुका हो।