श्री राम मंदिर अयोध्या जी में श्री राम लला जी की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर श्री राम दरबार मंदिर में “श्री राम महिमा नामक” कार्यक्रम का किया गया आयोजन।
फिरोजपुर 21 जनवरी {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
श्री राम मन्दिर अयोध्या में श्री राम लला जी की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर श्री राम दरबार मन्दिर, चक केरा श्री गंगानगर में श्री राम महिमा नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से पधारी साध्वी बहनें श्री राम का गुणगान कर रहीं हैं।
श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सोनिया भारती जी ने अपने प्रवचनों में बताया कि ‘आज श्रीराम के अयोध्या आगमन पर हर ओर आनंद की लहर है, जो दर्शाती है कि भारत की आत्मा पर आज भी श्रीराम अंकित हैं। जिन्होंने भी मन्दिर निर्माण में बलिदान दिए और अपने जीवन आहूत किये, आज उनके संघर्षों का संस्मरण दिवस भी है। इस नवनिर्मित मन्दिर की नींव किसी ईंट या गारे से नहीं बनी, बल्कि इसमें लाखों-करोड़ों राम भक्तों के वर्षों का तप, प्रेम, प्रतीक्षा, प्रार्थना व श्रद्धा समाहित है।
जो लोग श्री राम को केवल काल्पनिक पात्र भर कहते थे, उन्हें आज समझना होगा कि श्रीराम सनातन सत्य हैं! दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी कहते हैं कि ‘हिटलर, मुसोलिनी हुए कि नहीं, एक बार के लिए इस बात पर संशय किया जा सकता है। लेकिन श्रीराम हुए थे, ये बात सत्य थी, सत्य है और सत्य ही रहेगी। इस सत्य व इससे जुड़ी जीवन-गाथा की थाह लेने के लिए आपको ‘दिव्य दृष्टि’ की आवश्यकता है।
इसी अवसर सभी राम भक्तो ने श्री राम महिमा का गुणगान किया और सभी ने 22 जनवरी को अपने-अपने घरों मे दीपमाला करने का संकल्प लिया।श्री राम मन्दिर अयोध्या में श्री राम लला जी की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर श्री राम दरबार मन्दिर, चक केरा श्री गंगानगर में श्री राम महिमा नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से पधारी साध्वी बहनें श्री राम का गुणगान कर रहीं हैं।
श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सोनिया भारती जी ने अपने प्रवचनों में बताया कि ‘आज श्रीराम के अयोध्या आगमन पर हर ओर आनंद की लहर है, जो दर्शाती है कि भारत की आत्मा पर आज भी श्रीराम अंकित हैं। जिन्होंने भी मन्दिर निर्माण में बलिदान दिए और अपने जीवन आहूत किये, आज उनके संघर्षों का संस्मरण दिवस भी है। इस नवनिर्मित मन्दिर की नींव किसी ईंट या गारे से नहीं बनी, बल्कि इसमें लाखों-करोड़ों राम भक्तों के वर्षों का तप, प्रेम, प्रतीक्षा, प्रार्थना व श्रद्धा समाहित है।
जो लोग श्री राम को केवल काल्पनिक पात्र भर कहते थे, उन्हें आज समझना होगा कि श्रीराम सनातन सत्य हैं! दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी कहते हैं कि ‘हिटलर, मुसोलिनी हुए कि नहीं, एक बार के लिए इस बात पर संशय किया जा सकता है। लेकिन श्रीराम हुए थे, ये बात सत्य थी, सत्य है और सत्य ही रहेगी। इस सत्य व इससे जुड़ी जीवन-गाथा की थाह लेने के लिए आपको ‘दिव्य दृष्टि’ की आवश्यकता है।
इसी अवसर सभी राम भक्तो ने श्री राम महिमा का गुणगान किया और सभी ने 22 जनवरी को अपने-अपने घरों मे दीपमाला करने का संकल्प लिया।