गौ सेवा समिति द्वारा गौ चिकित्सालय में “एक शाम कन्हैया के नाम” भजन संध्या का किया गया आयोजन

गौ सेवा समिति द्वारा गौ चिकित्सालय में “एक शाम कन्हैया के नाम” भजन संध्या का किया गया आयोजन
(पंजाब) फिरोजपुर 23 जून {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
गो सेवार्थ समिति लालगढ़ जाटान, श्रीगंगानगर ने गौ चिकित्सालय लालगढ़ में ‘एक शाम कन्हैया के नाम‘ भजन संध्या का आयोजन किया गया।भजन संध्या में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की साध्वी बहनों ने प्रभु का गुणगान किया। भजन संध्या का शुभारम्भ एक प्रार्थना के गायन से किया गया।
श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या पूनम भारती जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि प्रभु श्री कृष्ण का जीवन चरित्र हमारे जीवन के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। प्रभु की कथा एक परिवर्तन है, एक क्रांति है। जब हमारे शरीर में प्रभु का प्राकट्य होता है तब ही मनुष्य ईश्वर को जान पाता है ।हमारे समस्त शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि मनुष्य जीवन का लक्ष्य ईश्वर की भगति करना है।
साध्वी परवीन भारती द्वारा गाए जय जय हरि हरि भजन पर सभी श्रद्धालु झूमकर नाच उठे।
साध्वी पूनम भारती जी ने गौ महिमा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण की गो चराने की लीला हम सभी को गौ सेवा के लिए प्रेरित करती है।साध्वी बहनों ने छोटी छोटी गईयां छोटे छोटे ग्वाल छोटे सो मेरो मदन गोपाल भजन का गायन किया।साध्वी सोनिया भारती जी ने समझाते हुए कहा कि वर्तमान समाज की विभिन्न समस्याओं को सुलझाने के लिए आज संपूर्ण क्रांति की आवश्यकता है। क्रांति का अर्थ होता है आनंद पूर्ण परिवर्तन। मनुष्य के भीतर जो विकार हैं,उसका कारण मन है ।जब तक इंसान का मन विकसित नहीं होता तब तक वह किसी समाधान का अंग नहीं बन सकता ।यदि समाज में परिवर्तन लाना है तो सबसे पहले व्यक्ति की चेतना और अंतर्मन में परिवर्तन लाना होगा। अध्यात्म द्वारा उसे जागृत करना होगा। यह परिवर्तन केवल ब्रह्म ज्ञान द्वारा ही आ सकता है । साध्वी जी ने कहा कि जब पूर्ण गुरु हमारे मस्तक पर हाथ रखकर दिव्य दृष्टि खोलते हैं तो सर्वप्रथम परमात्मा के प्रकाश स्वरुप का अनुभव होता है। उसके बाद ही ध्यान की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। मनुष्य जीवन के सभी दुखों का एक ही समाधान है और वह हैं ईश्वर का ध्यान।
कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारे स्वामी धीरानंद जी ने गौ सेवार्थ समिति को साधुवाद प्रदान करते हुए समिति के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। स्वामी जी ने सारी संगत को सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए प्रेरणा प्रदान की।