आयुर्वेद से शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली को मिलती है मजबूती: सुभाष सुधा

आयुर्वेद शब्द दो शब्दों का संयोजन आयु का अर्थ है जीवन और वेद का अर्थ है विज्ञान,आयुष विभाग द्वारा 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर गुर्जर धर्मशाला के प्रांगण में निशुल्क आयुष चिकित्सा शिविर एवं प्रदर्शनी का किया आयोजन।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 23 सितंबर : हरियाणा के पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि आयुर्वेद से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है। इसके अलावा आयुर्वेद से वजन नियंत्रण, बेहतर पाचन और तनाव में कमी जैसे कई लाभ मिलते हैं। आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करता है और शरीर के अंदर संतुलन बहाल करने के लिए पोषण, जीवनशैली में बदलाव और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करता है। इसके उपचारों के कोई खास दुष्प्रभाव नहीं होते, क्योंकि यह प्रकृति और जड़ी-बूटियों पर आधारित होते है।
हरियाणा के पूर्व राज्यमंत्री आयुष विभाग द्वारा 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर गुर्जर धर्मशाला के प्रांगण में निशुल्क आयुष चिकित्सा शिविर एवं प्रदर्शनी के आयोजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले हरियाणा के पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, गुज्जर धर्मशाला के प्रधान ऋषि पाल कसाना व जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. मंजू शर्मा ने भगवान धन्वन्तरि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि आयुर्वेद शब्द दो शब्दों का संयोजन है आयु + वेद। आयु का अर्थ है जीवन और वेद का अर्थ है विज्ञान। इस प्रकार आयुर्वेद जीवन का विज्ञान है, न कि केवल रोगों का विज्ञान। आयुर्वेद का उद्देश्य है केवल स्वास्थ्य का प्रसार और रोगों का उपचार करना है। उन्होंने कहा कि यह एक समग्र प्रणाली है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर केंद्रित है, जिसमें भोजन, जड़ी-बूटियाँ, योग और ध्यान जैसे प्राकृतिक साधनों का उपयोग किया जाता है। यह प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार उपचार प्रदान करता है, निवारक उपाय सुझाता है, और प्रकृति से जुड़ाव को प्रोत्साहित करता है, जिससे रोग की रोकथाम और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. मंजू शर्मा ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा प्रदेश सरकार के आदेशानुसार पूर्व में प्रतिवर्ष धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया जाता था लेकिन इस बार प्रतिवर्ष 23 सितंबर के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का विषय आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी कल्याण के लिए थीम रखा गया है इस विभाग के अंतर्गत कार्य सभी आयुर्वेद में होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों को आदेशित किया गया था कि वह अपने-अपने संबंधित गांव में अधिक से अधिक लोगों को इस थीम के बारे में प्रचार प्रसार करे।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. मंजू शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम में आयुष विभाग से डॉ. संदीप अमो ने आयुर्वेद के दृष्टिकोण से सद्वृत्त पालन और जीवन शैली तथा आहार में परिवर्तन के बारे में शिविर में आए हुए लोगों को जागरूक किया। इसके अलावा डॉ. रेणुका ने औषधियों के ज्ञान और स्वस्थ जीवन जीने के लिए दैनिक दिनचर्या में उनका उपयोग,डॉ. एकता ने आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य का महत्व, डॉ. मनप्रीत ने सद्वृत्त और आयुर्वेद एवं ऋतुचर्या का महत्व के बारे में बताया। डॉ. पिंकी ने दैनिक जीवन में आयुर्वेद के सिद्धांतों का पालन करने का महत्व,डॉ. प्रियंका ने उपवास का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण, रोहताश ने योग और दैनिक जीवन में इसके महत्व के बारें में विस्तार से जानकारी दी। योग विशेषज्ञ मनजीत ने लोगों के लिए महत्वपूर्ण मुद्राओं और आसनों के साथ-साथ उनके लाभों के बारे में भी बताया।
जिला आयुर्वेद अधिकारी द्वारा बताया गया कि इस शिविर में जोड़ों के दर्द मधुमेह एनीमिया वह अन्य रोगों का इलाज अनुभवी विशेषज्ञ द्वारा आयुष चिकित्सा पद्धति के माध्यम से निशुल्क किया जाएगा तथा औषधीय का निशुल्क वितरण किया जाएगा। गुर्जर धर्मशाला के प्रधान ऋषिपाल कसाना द्वारा बताया गया कि ऐसे कैंप आयुष विभाग द्वारा भविष्य में भी लगाते रहना चाहिए ताकि आमजन को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। इस मौके पर जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. मंजू शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।