जल संचय जन भागीदारी अभियान अंतर्गत महासमुंद जिले को राष्ट्रीय स्तर पर मिली बड़ी उपलब्धि
जोन-2, कैटेगरी-2 में प्रथम स्थान, जिला प्रशासन को मिलेगा एक करोड़ रुपए का नगद पुरस्कार


महासमुंद 26 सितम्बर 2025/ जल संरक्षण की दिशा में महासमुंद जिले ने एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। जल संचय जन भागीदारी अभियान 2.0 के तहत जिले ने जोन-2 की कैटेगरी-2 में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि पर भारत सरकार द्वारा जिला प्रशासन को एक करोड़ रुपए का नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जल संचय जनभागीदारी अभियान 2.0 जल शक्ति अभियान का अहम हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना और वर्षा जल को सहेजना है। इसमें सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है।
कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन एवं सतत मॉनिटरिंग से यह अभियान जन-आंदोलन का रूप ले सका। जिले में मोर गांव-मोर पानी पहल को गति दी गई, जिसके अंतर्गत सोखता गड्ढा, इंटेकवेल रिचार्ज, रूफटॉप हार्वेस्टिंग और अन्य नवाचारों को अपनाकर जल संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की गई। अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल संचयन, भूजल स्तर में वृद्धि और जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना है। प्रधानमंत्री के संकल्प अनुरूप यह पहल पूरी तरह जनसहभागिता आधारित है।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री अजय खरे ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा, नगरीय निकाय, राजस्व विभाग सहित विभिन्न शासकीय विभागों ने मिलकर इस अभियान को धरातल पर उतारा। जिले में कुल 35,182 जल संरचनाओं का निर्माण किया गया। इनसे वर्षा जल का अधिकतम संरक्षण और भूजल पुनर्भरण संभव हुआ। मोर गांव मोर पानी अभियान अंतर्गत अब तक जनभागीदारी से कुल 05 हजार सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और तेजी से इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। साथ ही 125 इंजेक्शन वेल के माध्यम से भूमिगत जल का पुनर्भरण किया जा रहा है। जनभागीदारी से जनपद पंचायतों द्वारा कुल 1839 सोखपीट का निर्माण किया गया है। जिसमें जनपद पंचायत महासमुंद में 269, बागबाहरा में 352, पिथौरा में 451, बसना में 282 एवं जनपद पंचायत सरायपाली में 485 सोखपीट तैयार किया गया है। इसी तरह 25 बोरवेल रिचार्ज किया है। जिसमें जनपद पंचायत महासमुंद में 13, बागबाहरा में 07, पिथौरा में 03, बसना में 12 एवं जनपद पंचायत सरायपाली में 13 इंजेक्शन वेल का पुनर्भरण किया गया। अन्य जल संरक्षण कार्य अंतर्गत 785 कार्य जनपद पंचायतों द्वारा किया गया है। जिसमें जनपद पंचायत महासमुंद में 111, बागबाहरा में 269, पिथौरा में 137, बसना में 111 एवं जनपद पंचायत सरायपाली में 157 कार्य किया गया है। इसके अलावा शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी सोखता गड्ढे और इंजेक्शन वेल का निर्माण किया गया है।