Uncategorized

हरियाणवी बोल्ली की बानगी के नमूने देखने को मिलेंगे रत्नावली के मेले में

हरियाणवी बोल्ली में जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थी निकालेंगे समाचार पत्र।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने हरियाणवी बोल्ली को भाषा बनाने का किया आह्वान।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 25 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय रत्नावली के माध्यम से हरियाणवी बोल्ली को भाषा बनाने की मुहिम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा, इस आशय की उद्घोषणा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने की। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणवी बोल्ली को भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए रत्नावली के मंच से उसको और अधिक लोकप्रिय बनाने का कार्य करेगा। इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि हरियाणवी बोल्ली का इतिहास हजारों साल से पुराना है। वैदिक संस्कृत, व्याकरणिक संस्कृत, प्राकृत, पालि, अपभ्रंश, उर्दू, फारसी, टर्किस, उज्बेक, अफगानी, मुलतानी, झंग, हिन्दी आदि भाषाओं में हरियाणवी के हजारों शब्द समाहित है। हरियाणा बोल्ली में 1हजार से अधिक पुस्तकें लिखी गई हैं। 1हजार से अधिक विषयों पर शोध भी हुए हैं। हरियाणवी भाषा का दायरा बहुत व्यापक है। पाकिस्तान के पंजाब सहित अनेक राज्यों में हरियाणवी बोल्ली का बोलबाला है। पाकिस्तान में आज भी हरियाणवी बोल्ली के मुशायरे आयोजित किए जाते हैं। वहां पर स्थापित नोहरा संस्था निरंतर हरियाणवी के विकास के लिए कार्य कर रही है। हरियाणवी बोल्ली की अनेक उप-बोल्लियां हैं जिनमें कौरवी, बागड़ी, बांगरू, अहीरवाटी, अम्बालवी, ब्रज, मेवाती, रोहतकी आदि का प्रचलन अत्यंत लोकप्रिय है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि रत्नावली समारोह में हरियाणवी बोल्ली को पॉडकास्टिंग के माध्यम से जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान और अधिक लोकप्रिय बनाएगा। इसके साथ ही संस्थान के विद्यार्थी हरियाणवी में केयू न्यूज लैटर रत्नावली विशेषांक निकालकर इसको और अधिक लोकप्रिय बनाएंगे। समाचार पत्र निकालने के लिए डॉ. अभिनव एवं केयू न्यूज लैटर की पूरी टीम व 20 से अधिक मीडिया के छात्रों का दल रत्नावली के दौरान 28 से 31 अक्टूबर तक हर रोज हरियाणवी बोल्ली में समाचार पत्र निकालकर युवाओं को हरियाणवी बोल्ली की विविध बानगियों का परिचय देगा।
इसके साथ ही मंच संचालन हरियाणवी बोल्ली में किया जाएगा। हरियाणा की गायन शैलियों की प्रस्तुति, लोक गायकों की रागनियां, हरियाणवी नाटक, हरियाणवी लोक परिधान, हरियाणवी रीति-रिवाज, हरियाणवी चौपाल, हरियाणवी लोक-विनोद, हरियाणवी भाषण, सांग की प्रस्तृति, हरियाणवी भजन, हरियाणवी गजल, हरियाणवी हास्य नाटिका, हरियाणवी पगड़ी आदि के माध्यम से हरियाणवी बोल्ली को और अधिक लोकप्रिय बनाया जाएगा।
विश्वविद्यालय का युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग तथा जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के नेतृत्व में हरियाणवी बोल्ली को भाषा बनाने की भूमिका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रयास, हरियाणवी बोल्ली का विकास।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Compare Listings

Title Price Status Type Area Purpose Bedrooms Bathrooms
plz call me jitendra patel