Uncategorized

स्वामी नारायण अक्षरधाम मन्दिर में गोवर्धन गोमाता पूजा के साथ अन्नकूट महोत्सव आयोजित

स्वामी नारायण अक्षरधाम मन्दिर में गोवर्धन गोमाता पूजा के साथ अन्नकूट महोत्सव आयोजित।

गणमान्यजनों और श्रद्धालुओं ने पूजा में भाग लिया,अन्नकूट प्रसाद ग्रहण किया।

कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी : गोवर्धन एवं गोमाता पूजा के पावन अवसर पर कुरुक्षेत्र स्थित श्री स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर में भव्य अन्नकूट महोत्सव का आयोजन श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन भक्तों की अटूट आस्था और पारंपरिक भक्ति का अद्भुत संगम बना,जिसमें भगवान श्री स्वामीनारायण को 56 विविध व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया। देश विदेश में अक्षरधाम मंदिरों की श्रृंखला में यह कार्यक्रम 1800 मंदिरों में आयोजित हुआ, जिसमें देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
कुरुक्षेत्र में आयोजित छठे अन्नकूट महोत्सव की शुरुआत दिल्ली अक्षरधाम के मुख्य कार्यवाह संत पूज्य मुनि वत्सल स्वामी जी और हरियाणा प्रान्त की सेवा में साधु ज्ञान मंगल स्वामी जी द्वारा की गई जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हुआ।
आज काफी संख्या में श्रद्धालु अन्नकूट दर्शन के अक्षरधाम मंदिर पहुंचे और सत्संग में भाग लिया।
कुरुक्षेत्र शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी विवेक भारद्वाज डब्बू नें जानकारी देते हुए बताया कि अन्नकूटोत्सव कार्यक्रम के आयोजन में असंख्य श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आपको बता दें कि स्वामी नारायण अक्षरधाम मन्दिर कुरुक्षेत्र का निर्माण कार्य लगातार जारी है।
श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर परिसर में विशाल भंडारा प्रसाद भी वितरित किया गया।
मन्दिर में आए षडदर्शन साधुसमाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने बताया कि आज लाभ पंचमी का पर्व भी है। इस दिन व्यवसाय से जुड़े लोग माँ लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से बहीखातों और लेखा-जोखा आदि की पूजा की जाती है।
माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से साधक के सौभाग्य में वृद्धि होती है और उसे माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। लाभ पंचमी को ज्ञान पंचमी, सौभाग्य पंचमी या लाखेनी पंचमी भी कहते हैं। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है जो आज है। इस दिन को ज्ञान की आराधना, समृद्धि और नए व्यापार शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है, जबकि अन्य लोग समृद्धि और सौभाग्य के लिए भगवान गणेश और शिव की पूजा करते हैं। इस दिन नए बहीखातों पर शुभ-लाभ और स्वस्तिक का चिह्न बनाकर पूजा की जाती है। इस अवसर पर वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने स्वामी जी को नेपाल से लाई गई बुड्ढानीलकंठ भगवान विष्णु की दुर्लभ प्रतिमा भेंट की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
plz call me jitendra patel