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अखिल भारतीय मानवाधिकार मिशन इस सोच के साथ किया गया है, हम केवल एक संगठन नही बल्कि एक राष्ट्रीय जन आंदोलन है : नरेश शर्मा

अखिल भारतीय मानवाधिकार मिशन इस सोच के साथ किया गया है, हम केवल एक संगठन नही बल्कि एक राष्ट्रीय जन आंदोलन है : नरेश शर्मा
अखिल भारतीय मानवाधिकार मिशन का गठन इस सोच के साथ किया गया है कि हर व्यक्ति को सम्मान, न्याय और सुरक्षा के साथ जीने का अधिकार मिले हम केवल एक संगठन नही बल्कि एक राष्ट्रीय जन आंदोलन है जो हर अत्याचार, अन्याय और भेदभाव के विरुद्ध खड़ा है
मानवाधिकार वे मौलिक अधिकार है जो प्रत्येक व्यक्ति को सिर्फ इसलिए प्राप्त है क्योंकि वह एक इंसान है और ये सभी पर समान रूप से लागू होते हैं भले ही उनकी राष्ट्रीयता, लिंग,जाति, धर्म, या कोई अन्य स्थिति कुछ भी है इनमें जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति और शिक्षा, स्वास्थ्य और गरिमापूर्ण तरीके से जीने का आवश्यक अधिकार है !
मुख्य बिंदु क्या है
- , मानवाधिकार सार्वभौमिक है जिसका अर्थ है कि वे दुनिया के हर व्यक्ति के लिए समान है
- अंतर्निहित अधिकार ये अधिकार जन्म से ही हर इंसान मे निहित होते है किसी सरकार या राज्य द्वारा प्रदान नहीं किए जाते
- समानता और गरिमा ये अधिकार समानता, निष्पक्षता और सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित है जो हर व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखते हैं
- उदाहरण: मानवाधिकारों मे जीवन का अधिकार, निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार, विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और काम शिक्षा का अधिकार है
- कानूनी आधार: मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को 1948 मे अपनाया गया था और यह सभी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का अधिकार है
- सरदार की भूमिका, सरकारें मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए और उनकी रक्षा करने के लिए बाध्य है व्याक्तियों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने मानवाधिकारों का उपयोग करते समय दूसरों के अधिकारियों का सम्मान करें




