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दिव्या ज्योति जागृती संस्थान द्वारा सात दिवसीय श्री राम कथा के पांचवें दिन केवट के प्रसंग को बखूबी प्रस्तुत किया गया

फिरोजपुर (पंजाब) 29 नवंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

फिरोजपुर के माता शीतला मंदिर में सात दिन की श्री राम कथा का पांचवां दिन भावना, भक्ति और आध्यात्मिक उत्साह से भरा रहा। भगवान राम के पवित्र चरणों की महिमा का बखान करते हुए, सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या प्रज्ञा-चक्षु साध्वी शची भारती जी ने भगवान राम और केवट के प्रसंग को बहुत ही दिल को छू लेने वाले तरीके से समझाया।

साध्वी जी ने कहा कि जब केवट ने भगवान राम जी को संसार की नदी पार कराई, तो यह सिर्फ सेवा का काम नहीं था, बल्कि एक अमर आध्यात्मिक सीख थी। भगवान के चरणों की पूजा करके केवट ने न सिर्फ इस दुनिया को बचाया बल्कि अपना परलोक भी सुधारा। साध्वी जी ने समझाया कि केवट का यह भाव दिखाता है कि जिनके दिल में भगवान के लिए सच्ची भक्ति और विनम्रता होती है, भगवान खुद उनकी किस्मत लिखते हैं।

इस मौके पर साध्वी साध्या भारती जी, साध्वी चित्रा भारती जी और साध्वी भगवती भारती जी ने भजन गाकर पूरे मंदिर मंडप में दिव्य, शांतिपूर्ण और धार्मिक माहौल बना दिया।

इसके अलावा, स्वामी चंद्रशेखर जी ने प्रेरणा देने वाले विचारों के साथ संगत को संबोधित करते हुए कहा कि केवट ने भगवान राम के चरणों में प्रार्थना करके और उनसे ज्ञान प्राप्त करके अपना जीवन समृद्ध बनाया। इसी तरह, इंसान को भी धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पूर्ण सतगुरु की शरण में जाकर और विनम्रता से प्रार्थना करके दिव्य ज्ञान प्राप्त करना चाहिए, ताकि जीवन सार्थक हो जाए और भगवान को अपने अंदर पाया जा सके।
कथा का पवित्र समापन भगवान की प्रार्थना और आरती के साथ हुआ, जिसके दौरान पूरी संगत भक्ति और आनंद में डूबी रही। आखिर में, सभी उपस्थित लोगों के लिए भोजन और प्रसाद की उचित व्यवस्था की गई।
इस प्रकार, राम कथा का पांचवां दिन भक्ति, भावना और आध्यात्मिक अनुभवों को समर्पित था।

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