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श्री जयराम विद्यापीठ में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ हुआ मंदिरों में मूर्ति स्थापना दिवस समारोह

परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने गीता जयंती उत्सव के कार्यक्रमों की सफलता के लिए ट्रस्टियों, श्रद्धालुओं एवं सहयोगी संस्थाओं का किया आभार व्यक्त।
विद्वान ब्राह्मणों तथा ऋषि कुमारों द्वारा किया गया दिव्य मंदिरों की मूर्तियों का पूजन।

कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी 2 दिसम्बर : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में गुरु परम्परा के अनुसार ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ के विभिन्न भव्य एवं आकर्षक मंदिरों की मूर्तियों के 42 वें वार्षिक भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले 42 वर्षों से हर वर्ष विद्यापीठ में मंदिरों की मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाता है। इसी अवसर पर गीता जयंती महोत्सव 2025 के कार्यक्रमों के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कार्यक्रमों की सफलता के लिए विद्यापीठ ट्रस्टियों, श्रद्धालुओं एवं सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। श्री जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विद्यापीठ के मंदिरों में देश के विभिन्न राज्यों में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की मौजूदगी में मंदिरों के दिव्य मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ विद्वान ब्राह्मणों एवं ऋषि कुमारों द्वारा पूजन किया गया। इस अवसर पर विद्यापीठ के ट्रस्टी, श्रद्धालु एवं यजमान इत्यादि मौजूद रहे। पिछले 42 वर्षों से विद्यापीठ के श्री रामेश्वर शिव मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, श्री राम दरबार, दुर्गा माता मंदिर, श्री राम भगत हनुमान मंदिर, चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ तथा वैष्णो देवी गुफा का गुरु परम्परा के अनुसार मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा पूजन किया जाता है। विद्यापीठ में 42 साल पहले कलकत्ता के विख्यात मूर्तिकार फकीर चन्द परिडा तथा उनके परिवार के सदस्यों ने श्री जयराम विद्यापीठ के संस्थापक एवं परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के पूज्य गुरु ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से विद्यापीठ में मंदिरों की मूर्तियों को सुन्दर एवं दिव्य स्वरूप प्रदान किया था। आज भी विद्यापीठ के मंदिरों में हुई नक्काशी पूरे देश में आकर्षण का केन्द्र है। इस मौके पर परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने मंदिरों के मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा पूजन के उपरांत सभी देवी देवताओं की भव्य आरती की। ब्रह्मचारी ने विद्यापीठ के सभी ट्रस्टियों, सेवकों, श्रद्धालुओं, श्री जयराम शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का आभार व्यक्त करने उपरांत कहा कि कुरुक्षेत्र विश्व विख्यात तीर्थ और यहां पर अधिक से अधिक पर्यटक व श्रद्धालु आयें जिसके लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार, वृंदावन व अन्य धर्मनगरियों की भांति कुरुक्षेत्र में देश के सभी राज्यों के गेस्ट हाउस तथा धर्मशालाएं होनी चाहिए। इस के लिए हरियाणा सरकार तथा केंद्र सरकार को प्रयास करने चाहिए। साथ ही अन्य राज्यों एवं विदेश से आने वाले लोगों के लिए ठहरने के साथ उनकी संस्कृति अनुरूप खाने इत्यादि की व्यवस्था हो। ब्रह्मचारी कहा कि पर्यटन एवं तीर्थ स्थली के महत्व के अनुसार बाईपास की मांग भी बहुत पुरानी है। विद्यापीठ में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा पूजन के अवसर पर केके कौशिक, कुलवंत सैनी सुरेंद्र गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, खरैती लाल सिंगला, राजेश सिंगला, केसी रंगा, पूर्व सरपंच राजेश शर्मा, यशपाल राणा, प्रवेश राणा, जयराम कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डा. सुदेश रावल, जयराम महिला बीएड कालेज की प्राचार्या डा. प्रतिभा श्योकंद, डा. सरोजिनी जमदग्नि, जयराम पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अंजू अग्रवाल, डीएसबी इंटरनैशनल स्कूल प्रिंसिपल एन सिंह, जयराम सैनिक स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी सूबेदार मेजर सुरेश कुमार, जय पाल शर्मा, रोहित कौशिक, सतबीर कौशिक, जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रणबीर भारद्वाज, श्री जयराम महिला मंडल की संगीता शर्मा, संतोष यादव, ओमवती, शाखा शर्मा इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्री जयराम विद्यापीठ के मुख्य मन्दिर में पूजन करते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, विद्यापीठ के ट्रस्टी, श्रद्धालु व अन्य।

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