Uncategorized

जहाँ श्रीमद्भगवदगीता का प्रकाश है, वहाँ अन्याय स्थायी नहीं रह सकता : डा. श्रीप्रकाश मिश्र

मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में एक वर्ष तक निरंतर आयोजित दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ के नौवें दिवस।
कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय एवं मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने संयुक्त रूप से सस्वर मंत्रोच्चारण कर गीता के नौवें अध्याय के श्लोको से आहुति समर्पित की।

कुरुक्षेत्र,अमित 9 दिसम्बर मंगलवार : गीता भारतीय चेतना का वह शाश्वत प्रकाश है, जिसने सदियों से मनुष्य को कर्म,साहस और समत्व का मार्ग दिखाया है। गीता की शिक्षाएं मनुष्य के वैचारिक स्तर को ऊपर उठाती हैं, उसे कर्तव्य की ओर प्रेरित करती हैं और समानता की ऐसा प्रकाश प्रस्फुट करती हैं जिसे कोई युग परिवर्तन भी बुझा नहीं सकता। गीता की यही सार्वभौमिकता इसे विश्व भर में आदर दिलाती है और यही कारण है कि यह आज भी लाखों करोड़ों लोगों के जीवन की दिशा बनकर खड़ी है। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में एक वर्ष तक निरंतर आयोजित दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ के नौवें दिवस मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वस्ति वाचन से हुआ। कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय एवं मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने संयुक्त रूप से सस्वर मंत्रोच्चारण कर दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ में गीता के नौवें अध्याय के श्लोको से आहुति समर्पित की।
दैनिक गीता यज्ञ में अपने सम्बोधन में डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा गीता सदैव समता, करुणा और कर्मयोग की अविनाशी ज्योति बनकर खड़ी रही। समाज बदला, विचार बदले, पर गीता का सत्य नहीं बदला,क्योंकि इसका आधार मनुष्य की आत्मा है, उसका कर्म है, उसकी चेतना है, न कि उसका जन्म। इसी कारण दुनिया आज भी कहती है कि जहाँ श्रीमद्भगवदगीता का प्रकाश है, वहाँ अन्याय स्थायी नहीं रह सकता, और जहाँ कृष्ण की वाणी जीवित है, वहाँ मानवता कभी अंधकार में नहीं डूब सकती। भगवद्गीता भारतीय दर्शन और अध्यात्म के सबसे प्रतिष्ठित ग्रंथों में से एक है । यह जीवन की जटिल चुनौतियों से निपटने और कर्तव्य, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति से जुड़े गहन प्रश्नों का समाधान करने के लिए एक शाश्वत मार्गदर्शक है। गीता एक शाश्वत दर्शन है, जिसकी प्रतिध्वनि हजारों वर्षों से मानव सभ्यता को दिशा प्रदान करती रही है।
दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ में रूस देश से गीता प्रेमी दिमित्री अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। गीता प्रेमी दिनित्री ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन का गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ का कार्यक्रम अद्वितीय एवं लोकमंगल को समर्पित है। यह विश्व शांति के लिए नित्य भारत की ओर एक अद्भुत प्रार्थना है। उन्होंने कहा मै नित्य गीत का पाठ एवं अध्ययन करता हूँ। आभार् ज्ञापन आचार्य नरेश कौशिक ने किया। कार्यक्रम का संचालन ज्योतिसर निवासी आचार्य राजत शर्मा ने किया। कार्यक्रम का समापन विश्व मंगल हेतु शांतिपाठ से हुआ। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
plz call me jitendra patel