वात्सल्य ग्राम में दो दिवसीय नि:शुल्क मोतियाबिन्द शिविर में हुआ 250 नेत्र रोगियों का ऑपरेशन

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – डॉ. गोपाल चतुर्वेदी।
वृन्दावन : मथुरा रोड़ स्थित वात्सल्य ग्राम के प्रेमवती गुप्ता नेत्र चिकित्सालय के द्वारा डॉ. वर्षा राठौर, मुंबई की स्मृति में दो दिवसीय नि:शुल्क मोतियाबिन्द शिविर का आयोजन डॉ० विशाल राठौर मुम्बई के संयोजन में संपन्न हुआ।शिविर का समापन “दीदी मां” साध्वी ऋतंभरा एवं उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय द्वारा औषधि वितरण से हुआ।
शिविर में मुंबई के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम अग्रवाल के नेतृत्व में डॉ. विशाल राठौर, डॉ. मयूर अग्रवाल, डॉ. आनन्द जयपुरिया, डॉ राहुल जैन, डॉ.आरती अग्रवाल, डॉ अनुज वाहुआ, डॉ. जुगल शाह, डॉ. सौरभ रामुका, डॉ. विशाल उप्पल आदि ने फर्रुखाबाद, आगरा, मैनपुरी, एटा, कासगंज, अलीगढ़, बदायूं, चंदौसी, पीलीभीत, मथुरा, वृंदावन आदि स्थानों से आये 230 मोतियाबिन्द रोगियों का सफल ऑपरेशन किये।
दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने सभी नेत्र रोगियों को औषधि वितरित करते हुए कहा कि हमारे विचार भी हमारे पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर बनते हैं। पत्थर जो चोट खाकर टूट जाता है, वह पत्थर बन जाता है और जो चोट को सह लेता है वह शंकर बन जाता है। जिसके जीवन में दु:ख नहीं होता है, वो मनुष्य नहीं बन पाता। इसलिए हमारे जीवन में दुख भी बहुत आवश्यक है। सभी आश्रमों में ग्रस्त आश्रम सबसे बड़ा होता है। क्योंकि वह तीन-तीन आश्रमों का भार अपने ऊपर ढोता है। जब साधना सफल होती है, तो हमारा हृदय उल्लास से भर जाता है।
मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि शब्दों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। ताज महल को लोग देखने जाते है और बिहारी जी के दर्शन कर ने जाते है।शब्दो से एक काल खण्ड का भी ज्ञान होता है।सकारात्मक शब्द हमें ऊर्जा देते हैं और नकरात्मक शब्द हमें हतोत्साहित करते हैं। हाल ही में पी.एम.ओ. का नाम सेवा तीर्थ रखा है, तो हमारा उसके प्रति भाव ही बदल गया।
इस अवसर पर संजय गुप्ता, महामण्डलेश्वर माँ कीर्ति अम्बे, डॉ. मोहनलाल राठौर, कैलाश राठौर, महेश खण्डेलवाल, चम्पालाल पोरवाल, श्रीमती भाग्यवती, डॉ. संजय, डॉ. अमित, साध्वी शिरोमणि, संयोजिका मीनाक्षी अग्रवाल, राजेश पाण्डेय आदि की उपस्थिति विशेष रही।महेश खण्डेलवाल ने आभार व्यक्त किया।संचालन डॉ. उमाशंकर “राही” ने किया।



