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पलवल: स्मार्ट स्किल-स्मार्ट मशीन मिशन पर काम करेगा एसवीएसयू

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में हुई इंडस्ट्री के धुरंधरों की गोलमेज कॉन्फ्रेंस।

पलवल, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 18 दिसंबर : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्मार्ट स्किल फॉर स्मार्ट मशीन पर मिशन के रूप में काम करेगा। फ्यूचर स्किल और फ्यूचर जॉब रोल के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में गोलमेज कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इंडस्ट्री रिलेशंस एंड एलुमनाई अफेयर्स (इरा) द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार की अध्यक्षता में इंडस्ट्री के कई दिग्गजों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए और स्किल प्रोग्राम को इंडस्ट्री के अनुसार अपडेट करने की संस्तुति की। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने कहा कि स्मार्ट स्किल स्मार्ट मशीन इंडस्ट्री के विशिष्ट ज्ञान बिना उपयोगी नहीं है। उद्योग जगत को नवीनतम तकनीक में कुशल मानवीय संसाधनों की आवश्यकता है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश ने विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ़ स्टडी में औद्योगिक साझीदारों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे स्किल आधारित पाठ्यक्रम को अधिक कारगर बनाने में मदद मिलेगी। इरा की निदेशक चंचल भारद्वाज ने उद्योग जगत से आए विशेषज्ञों का स्वागत किया और कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने स्मृति चिह्न देकर उन्हें सम्मानित किया।
सुजुकी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया के एचआर हेड मुस्सरत हुसैन ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री में कई ऐसी क्षेत्र हैं, जिनमें स्किल्ड लोग नहीं मिल रहे। सेमी कंडक्टर से लेकर ईवी चार्जिंग सिस्टम तक के लिए कुशल लोगों की आवश्यकता है। मुस्सरत हुसैन ने स्मार्ट हाइवे की जरूरतों पर मंथन किया।
हीरो मोटर कॉर्प के एचआर हेड धर्म रक्षित ने कहा कि स्किल को नई टेक्नोलॉजी और नई जरूरतों के अनुसार विकसित करना होगा। ईवी की बैटरी डिस्पोज करने से लेकर कई नए रोजगारों का सृजन हो रहा है। धर्म रक्षित ने फैकल्टी को इंडस्ट्री में समय-समय पर ट्रेनिंग का सुझाव दिया।
एजे कंसल्टेंट के सीईओ मनोज अरोड़ा ने कामगारों की अपस्किलिंग का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अब तकनीक में एआई का समन्वय हो रहा है। टूल ट्रेनिंग को एआई के अनुसार करने की जरूरत है। मनोज अरोड़ा ने ग्रीन स्किल को विकसित करने का सुझाव दिया। सेफएक्सप्रेस के उपाध्यक्ष अंचित कौल ने हैंड रेल ट्रेनिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन पर शोर्ट टर्म कोर्स शुरू करने की जरूरतें हैं। कैमरा, जीपीएस और डेटा एनालिटिक्स को भी स्किल प्रोग्राम में जोड़ा जाना चाहिए।
स्मार्ट फ्रेट सेंटर की सीनियर मैनेजर सान्या शाही ने स्किल गैप दूर करने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि टेक्निकल स्किल में नए क्षेत्र उभर रहे हैं। सॉफ्टवेर, सेफ्टी प्रोटोकॉल, बैटरी रिसाइकल और ईवी चार्जिंग जैसे क्षेत्रों स्किल मैनपावर की जरूरत है।
सुब्रोस के चीफ एचआर ऑफिसर गौरव गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को लंबी इंटर्नशिप करने की जरूरत है। इंटर्नशिप के लिए इंडस्ट्री की आवश्यकताओं का अध्ययन किया जाना चाहिए।
सुआस सप्लाई चेन के निदेशक विवेक जौहरी ने सप्लाई चेन और मनोज पवेरिया व डॉ. नीता सिंह ने उद्योग जगत के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करने के सुझाव दिए।
ट्रांजिट कैंपस की निदेशक प्रोफेसर सुजाता शाही ने ग्रीन सप्लाई चेन की उपयोगिता और पाठ्यक्रम को इंडस्ट्री के अनुसार बनाए जाने पर अपने सुझाव दिए और अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर इंडस्ट्री फॉर पॉइंट ओ के चेयरपर्सन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के डायरेक्टर डॉ. मनी कंवर सिंह, उप निदेशक अमीष अमेय, डीटीपीओ डॉ. विकास भदौरिया, प्रोफेसर जॉय कुरियाकोज, डॉ. गुरप्रीत कौर एवं सोनल गर्ग सहित एसवीएसयू तथा इंडस्ट्री के कई प्रतिनिधि उपस्थित थे।
एसवीएसयू में आयोजित गोल मेज़ कॉन्फ्रेंस में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करते कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार।

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