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परमात्मा के प्रेम में पड़ना परम सौभाग्य है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

परमात्मा के प्रेम में पड़ना परम सौभाग्य है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक दूरभाष – 94161 91877

कुरुक्षेत्र 26 दिसंबर : श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के पीठाधीश और समर्थगुरू मैत्री संघ हिमाचल के जोनल कोऑर्डिनेटर आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने को गांव बज़ीदपुर, कुरुक्षेत्र में विशेष मां चिंतपूर्णी की पूजा अर्चना के पावन अवसर पर रॉकी मुखीजा सुपुत्र सुरेन्द्र कुमार और शीला के सभी परिवार को को आदरणीय समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया द्वारा रचित श्री सिद्धार्थ रामायण भेंट की गई। इस शुभ अवसर पर अनु, अंजू,निशा अरोड़ा, कोमल मेहरा,आशा कवात्रा और सरोज शर्मा आदि के साथ सभी भक्तों ने मां दुर्गा की भेंटे गाई और सुन्दर नृत्य किया। वैदिक मंत्रों से मां दुर्गा की पूजा अर्चना और आरती करवाई।
डॉ. मिश्रा ने भगवान राम के सद्गुणों का गुणगान किया और सभी का जीवन मंगलमय हो उसके लिए मां दुर्गा का ध्यान और सामूहिक प्रार्थना की। हम सभी को प्रेम और भक्ति से भगवान् का ध्यान करना चाहिए।
समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया का सनातन धर्म में बहुत योगदान है। उनके द्वारा रचित श्री सिद्धार्थ रामायण और श्रीमद्भगवदगीता का बहुत सुन्दर भावानुवाद उन सभी को समर्पित है,जो भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण को प्रेम करते है तथा सहजयोग के मार्ग पर चलना चाहते है। यह सभी साधकों के लिये पठनीय और संग्रहणीय है। जिसको समर्थगुरु धाम के गैलेरिया, मुरथल से साधक गण प्राप्त कर सकते है और अपने पारिवारिक जीवन को बहुत सुंदर बना सकते है। धर्म चक्र कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रत्येक शनिवार को श्री सिद्धार्थ रामायण पर सत्संग आचार्य दर्शन और प्रत्येक रविवार को गोरख गीता पर आचार्य कुलदीप जी समर्थगुरू धारा लाइव यू ट्यूब चैनल पर जनमानस के कल्याण हेतु शाम 6 बजे से 7 बजे तक सत्संग करते है। ट्वीटर के माध्यम से आदरणीय समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने बताया कि मानकर तो सभी जी लेते हैं, जानकर जीना सौभाग्य है। आत्मा को जानना ज्ञान है। परमात्मा को जानना परम ज्ञान है। परमात्मा के प्रेम में पड़ना परम सौभाग्य है।

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