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कुवि के संगीत विभाग में दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का हुआ शुभारंभ।
कुरुक्षेत्र, 19 जनवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत एवं नृत्य विभाग में सेंटर फॉर ट्रेनिंग इंटर्नशिप एन्ड एम्प्लॉयमेंट के सहयोग से संगीत उद्योग में छात्रों के कौशल विकास और रोजगार क्षमता में वृद्धि विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि संगीत एक पवित्र कला है इसमें शास्त्र के साथ साथ प्रायोगिक पक्ष भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। संगीत विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में यह कार्यशाला भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है जिससे विद्यार्थियों में कौशल विकास के प्रति रुझान बढ़ेगा।
कार्यक्रम के आरम्भ में संगीत विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ आरती श्योकंद ने कुलपति महोदय का तथा आमंत्रित विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया। प्राच्यविद्या संकायाध्यक्षा प्रो. शुचिस्मिता शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए इससे विद्यार्थियों के लाभान्वित होने की बात पर बल दिया। तत्पश्चात आमंत्रित विद्वान के रूप में शासकीय महाविद्यालय साहा से सेवानिवृत्त कम्पोज़र तथा शायर डॉ. अमृतपाल सिंह ने संगीत के क्षेत्र में रोजगार व कौशल विकास पर विस्तृत चर्चा की ।
उन्होंने संगीत रोजगार के क्षेत्र में गायन के साथ विभिन्न वाद्यों के प्रयोग, स्टूडियो में रिकॉर्डिंग, गुरबाणी में राग संगीत के कार्यक्रम, विभिन्न धर्मों में संगीत का महत्व और धुन बनाने के क्षेत्र में रोजगार के अवसर तथा अलंकारों के माध्यम से एक विद्यार्थी में किस प्रकार संगीत निर्देशन के गुणों को विकसित किया जा सकता है आदि विविध विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की ।
सत्रांत में संगीत विभाग की प्रोफेसर शुचिस्मिता शर्मा ने विषय विशेषज्ञ, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित शिक्षकों व विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक शर्मा ने किया
द्वितीय सत्र के विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रख्यात म्यूजिक कंपोजर जय खन्ना ने संगीत रोजगार व कौशल विकास के बारे में चर्चा की तथा संगीत निर्देशन के क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक अनुभवों को साझा करते हुए किस प्रकार विद्यार्थियों को व्यावसायिक संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहिए पर सारगर्भित चर्चा की। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित कार्यशाला के द्वितीय सत्र में संचालन तथा धन्यवाद डॉ. मुनीश ने किया।