हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र :- पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित और अब अध्यापन कार्य से सेवानिवृति के बाद समाज के कल्याणार्थ देह का दान कर दलबीर सिंह मलिक ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। दलबीर सिंह को देहदान की प्रेरणा अपने स्कूल के पूर्व प्राचार्य रमेश दत्त शर्मा से मिली। बुधवार को उन्होंने श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलपति प्रो. डॉ. बलदेव कुमार को शपथ पत्र सौंपा। कुलपति ने उनके इस नेक कार्य के लिए अभिवादन किया।
कुरुक्षेत्र कल्याण नगर निवासी दलबीर सिंह मलिक राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हैं। वे छात्र जीवन से सेवा कार्यों में संलग्न है। अध्यापन सेवा में रहते हुए भी पूरा समय सामाजिक कार्यों में लगाया। उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या, स्वच्छता, और अनपढ़ता के विरुद्ध पूर्व में जिला स्काउट अधिकारी रहते हुए खूब जन-जागरूकता अभियान चलाए गए। अब अध्यापन कार्य से सेवानिवृत्ति के बाद भी अधिकतर वक्त सामाजिक कार्यों में गुजरता है। मगर मृत्यु के बाद भी यह शरीर उपयोग में आए। इसकी प्रेरणा राजकीय माध्यमिक विद्यालय झिंवरहेड़ी के पूर्व में प्रिंसिपल रहे रमेश दत्त शर्मा से मिली। उन्होंने कहा कि देहदान कर बहुत खुशी हो रही है। समाज के और लोगों को भी शरीर दान के लिए आगे आना चाहिए। ये शरीर मिट्टी है। अन्तिम वक्त में भी इस शरीर का उपयोग होना ही चाहिए। हमारा प्रयास रहेगा संस्थाओं के माध्यम से देहदान व अंग दान के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाए ताकि किसी जरूरतमंद की समय रहते जान बचाई जा सके।
कुलपति प्रो. डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि देहदान, शरीर के अंगदान और नेत्रदान के लिए समाज में जागरूकता की आवश्यकता है। डोनेट किये अंगदान से किसी जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है। इसलिए अंगदान व देहदान में पहल करनी चाहिए। विश्वविद्यालय का प्रयास है देहदान की प्रक्रिया को अधिक से अधिक सरल बनाया जाए। आगामी दिनों में लोगों को अंगदान व देहदान के प्रति जागरूक करने के लिए कैंप भी लगाया जाएगा। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार, डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. शंभूदयाल, डॉ. अशोक राणा, रिडर डॉ. सचिन शर्मा मौजूद रहे।