Uncategorized

घुटने के दर्द का मरीज लाठी, बैसाखी के सहारे आएगा और दौड़ता हुआ जाएगा : डॉ. अमित भूटानी

घुटने के दर्द का मरीज लाठी, बैसाखी के सहारे आएगा और दौड़ता हुआ जाएगा : डॉ. अमित भूटानी

रोबोटिक पद्धति से ऑपरेशन एक सुरक्षित सर्जरी है, थोड़े समय मे मरीज राहत महसूस करता है, डॉ. भूटानी।

हिसार, संजीव कुमारी : अब घुटने का मरीज लाठी, बैसाखी के सहारे आएगा और अस्पताल से दौड़ते हुआ जाएगा। यह सब घुटने के इलाज की अत्याधुनिक वैलीस कंपनी (जोन्सन एंड जोन्सन) की रोबोटिक मशीन से संभव होगा। यह बात घुटनों के हजारों सफल ऑप्ररेशन कर चुके डॉ. अमित भूटानी, एम. बी. बी. एस., एम. एस. (ओर्थो) ने अर्बन एस्टेट हिसार स्थित आरोग्य अस्पताल में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
घुटनों के ऑप्रेशन की अत्याधुनिक रोबोटिक मशीन के बारे में जानकारी देेते हुए डॉ. अमित भूटानी ने बताया कि इस मशीन की मदद से घुटनों की सर्जरी अब और आसान हो गई है। मशीन से सर्जरी के चलते घुटनों का ऑप्रेशन अब दर्द रहित होगा मरीज को महसूस भी नहीं होगा। और परपंरागत ऑप्रेशन की बजाय रोबोटिक तकनीक से ऑप्रेशन एकदम सटीक होता है,और इसमें बिल्कुल छोटा चीरा लगता है और घुटने लंबे समय तक चलते हैं। डॉ. अमित भूटानी व उनकी अनुभवी टीम द्वारा आधुनिक एवं मोड्यूलर ऑप्रेशन थियेटर में स्पेस सूट पहनकर ही सर्जरी की जाती है।
डॉ. भूटानी ने बताया कि नी ज्वाईंट हमारी बॉडी का काफी बड़ा और काफी महत्वपूर्ण भाग है जो कि हमारे पूरे शरीर का भार उठाता है। यदि घुटनों में दर्द हो तो हमारे रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो जाता है। सीढिय़ां चढऩे-उतरने सैर करने तक में परेशानी हो जाती है। ऐसे में नी-रिप्लेस्मेंट एक कारगर इलाज है जो मरीज को एक नया जीवन प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि रोबोटिक नी-सर्जरी पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अधिक सटीकता प्रदान करती है। इस सर्जरी में हड्डियां व मासपेशियां पर कम आघात होता है तथा रिकवरी भी बहुत जल्द होती है। बेहतर मूवमेंट मिलती है, दर्द कम होता है। छोटा चीरा लगता है और मरीज को कम से कम दर्द और घाव होता है और घुटने की अलाइन्मेंट तथा बैलेंसिंग बिल्कुल बढिय़ा हो जाती है। चलने-फिरने में लचक भी ठीक हो जाती है। मरीज अपने रोजमर्रा के काम आसानी से कर सकता है। घुटने मोड़ सकता है। सीढिय़ां चढ़ सकता है। इस सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ऑप्ररेशन के अगले ही दिन मरीज चलने- फिरने में सक्षम हो जाता है। ऑप्रेशन के बाद वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट द्वारा एक्सरसाइज करवाई जाती है और मरीज की मांग पर घर पर फिजियोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। मरीज को सीटी स्कैन व एमआरआई की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि ऑपरेशन के दौरान रोबोटिक मशीन द्वारा चैक हो जाता है।
डॉ. भुटानी ने यह भी बताया कि उनके हस्पताल में बुजुर्ग मरीज जिनको बीपी, शूगर, हार्ट आदि की दिक्कत रहती है, उनके भी सफल ऑपरेशन हुए हैं। हमारे यहां हार्ट के सारे टेस्ट किए जाते हैं जो कि हस्पताल के अंदर ही होते हैं और एनएबीएच सर्टिफाइड मंगलम लैब से सारे टेस्ट करवाए जाते हैं। इसके साथ ही अस्पताल में समय-समय पर फ्री मेडिकल कैंप भी लगाए जाते हैं और यथा संभव दवाइयां दी जाती हैं।
प्रेस वार्ता में डॉ. अमित भूटानी एम. बी. बी.एस., एम.एस. (ऑर्थो), डॉ. पूजा भूटानी एमबीबीएस, डीजीओ, डॉ. दीपक गुप्ता एमबीबीएस, डीए, डॉ. सचिन ठकराल बीपीटी, एमपीटी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Compare Listings

Title Price Status Type Area Purpose Bedrooms Bathrooms
plz call me jitendra patel