Uncategorized

श्रीराधा उपासना कुंज में ब्रज अकादमी के 47 वें द्विदिवसीय स्थापना दिवस व श्रीहनुमान जयंती महोत्सव के अंतर्गत हुआ संगोष्ठी का आयोजन

बल,बुद्धि और विवेक के निधान हैं श्रीहनुमानजी महाराज : स्वामी श्रवणानंद सरस्वती महाराज

वृन्दावन, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक : मोतीझील स्थित श्रीराधा उपासना कुंज में ब्रज के प्रख्यात संत श्रीपाद बाबा महाराज के द्वारा संस्थापित ब्रज अकादमी का 47 वां द्विदिवसीय स्थापना दिवस व श्रीहनुमान जयंती महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। जिसके अंतर्गत प्रातःकाल अखंड रामचरितमानस के विश्राम पर संतों व भक्तों के द्वारा संगीतमय सामूहिक सुंदरकांड पाठ किया गया।तत्पश्चात महंतों का सम्मान व सन्त, ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा भी हुआ।
इस अवसर पर आयोजित वृहद संत- विद्वत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए अखंडानंद आश्रम (आनन्द वृन्दावन) के परमाध्यक्ष स्वामी श्रवणानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि श्रीहनुमानजी महाराज कलयुग के सच्चे देव हैं।मां जानकी के आशीर्वाद से वे सप्त चिरंजीवियों में सबसे प्रमुख हैं।वे बल,बुद्धि और विवेक के निधान हैं। संसार में ऐसा कोई कार्य नहीं, जिसे हनुमानजी महाराज पूर्ण नही कर सकते हैं।
श्रीराधा उपासना कुंज के श्रीमहंत बाबा संतदास महाराज एवं ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया ने कहा कि श्रीहनुमानजी महाराज ज्ञान, भक्ति व बल के सिंधु है। सनातन धर्म में केवल वे ही ऐसे देव हैं, जिनका जन्म महोत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है। उनका स्मरण ही जीव के समस्त कष्टों का नाश कर देता है।
प्रख्यात साहित्यकार “यूपी रत्न” डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं परम् हितधर्मी डॉ. चन्द्रप्रकाश शर्मा ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीपाद बाबा महाराज श्रीधाम वृन्दावन के परम रससिद्ध, अध्यात्म योगी व परम वीतरागी संत थे।उन्होंने ब्रज की प्राचीन संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए आज से 46 वर्ष पूर्व श्रीधाम वृन्दावन के जयपुर मन्दिर में छोटी दीपावली के दिन ब्रज अकादमी की स्थापना की थी।जिसके लिए वे अपने जीवन के अंतिम समय तक पूर्ण समर्पित रहे।
श्रीराम कथा मर्मज्ञ स्वामी भानुदेवाचार्य महाराज एवं शुकाचार्य पीठाधीश्वर डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज ने कहा कि संत प्रवर श्रीपाद बाबा महाराज परम् तपस्वी व विलक्षण संत थे।ब्रज संस्कृति व श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप को पुनः उजागर करने में पूज्य बाबा महाराज का जो अतुलनीय योगदान रहा है, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
सन्त-विद्वत सम्मेलन में सन्त प्रवर मौनी बाबा (बेरिया वन सरकार), आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, बालशुक पुंडरीक कृष्ण शास्त्री, आचार्य रामकांत शास्त्री, पण्डित देवकीनंदन शर्मा, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, ब्रज अकादमी के निदेशक डॉ. बी.बी. माहेश्वरी, सन्त सेवानंद ब्रह्मचारी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।धन्यवाद ज्ञापन साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया ने दिया।
महोत्सव में महामंडलेश्वर स्वामी नवल गिरि महाराज, पूर्व पालिकाध्यक्ष पण्डित मुकेश गौतम, महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी, अश्वनी माथुर (दुबई), पिंकी माथुर, प्रिया माथुर, उमेश गंभीर (अलीगढ़), श्रीमती सुनीता गंभीर, अंकित कश्यप (दिल्ली), भगवान सिंह, धनीराम (आगरा), धर्मवीर, रामायणी जी (आगरा), मदन पाल आदि की उपस्थिति विशेष रही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Compare Listings

Title Price Status Type Area Purpose Bedrooms Bathrooms
plz call me jitendra patel