कुवि हेल्थ सेंटर के एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. आशीष अनेजा ने डेंगू के बारे में लोगों को किया जागरूक।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र,9 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विष्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर के एडमिनिस्ट्रेटर, गैपियो सदस्य, आरएसएसडीआई मेंबर एवं मेडिकल ऑफिसर, डॉ. आशीष अनेजा ने डेंगू के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं तथा एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। बच्चों और किशोरों में माइल्ड डेंगू होने पर कई बार कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं।
डेंगू होने के लक्षण।
डेंगू में तेज बुखार के साथ-साथ सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, आंखों में दर्द होना, त्वचा पर लाल चकत्ते होना, ब्लड प्रेषर का कम होना, ग्लैंड्स में सूजन आदि लक्षण दिखाई देते हैं। यह मानव के फेफड़ों, लिवर और हृदय को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा पेट में गंभीर रूप से दर्द होना, लिवर में फ्लूइड का एकत्रित होना, रक्तस्राव, जी मिचलाना, सीने में तरल पदार्थ जमा हो जाता है।
डेंगू से बचाव के उपाय।
शरीर को हाइड्रेटेड रखकर डेंगू को कंट्रोल में रखना एक सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीना चाहिए। शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े पहनें।सुनिश्चित करें कि आसपास पानी इकट्ठा ना हो व कूलर का पानी बदलते रहें। यदि आसपास कोई खुला जल स्रोत है, जिसे आप हटा नहीं कर सकते हैं, तो उसे या तो ढक दें या फिर उपयुक्त कीटनाशक अप्लाई करें। डेंगू से बचने का सिर्फ एकमात्र तरीका है खुद को मच्छरों से बचाकर रखना। जितना हो सके आप मॉस्किटो रेपलेंट्स, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।