बिहार अररिया: जिले में मिशन इंद्रधनुष की सफलता को लेकर सभी जरूरी तैयारियां पूरी

जिले में मिशन इंद्रधनुष की सफलता को लेकर सभी जरूरी तैयारियां पूरी
-पहले चरण में शहरी इलाकों में 40 व ग्रामीण इलाकों में 954 सत्र होंगे संचालित
-दुर्गम व कम आच्छादन वाले इलाकों में शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराना अभियान का उद्देश्य

अररिया, 8 सितंबर ।
जिले में मिशन इंद्रधनुष 5.0 की सफलता को लेकर सभी जरूरी तैयारियां पूरी हो चुकी है। अभियान का पहला चरण आगामी 11 से 16 सितंबर के बीच संचालित किया जायेगा। अभियान की सफलता को लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों के कार्य व दायित्वों का निर्धारण किया गया है। प्रखंड स्तर पर एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम को अभियान के पर्यवेक्षण का जिम्मा सौंपा गया है। सभी बीडीओ, एमओआईसी, सीडीपीओ व बीपीएम जीविका को इसके अनुश्रवण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अभियान के सफल संचालन को लेकर संबंधित आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व जीविका दीदियों की मदद से टीकाकरण को लेकर आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
शहरी क्षेत्र में 52 व ग्रामीण इलाकों में 1040 सत्र निर्धारित-
मिशन इंद्रधनुष 5.0 के संबंध में जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर अररिया व फारबिसगंज शहरी क्षेत्र में कुल 52 सेशन साइट निर्धारित किया गया है। वहीं ग्रामीण इलाकों में कुल 1040 साइट निर्धारित हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय स्तर से टीकाकरण से वंचितों की ड्यू लिस्ट तैयार की गयी है। इसके मुताबिक टीकाकरण के लिये दो वर्ष से कम उम्र के कुल 15 हजार 13 बच्चे लक्षित हैं। वहीं 02 से 05 साल के 04 हजार 334 बच्चे लक्षित हैं. वहीं नौ माह से दो वर्ष तक के 03 हजार 221 बच्चों को एमआर-1 व 02 हजार 847 बच्चों को एमआर-2 का टीका लगाया जाना है. वहीं अभियान के क्रम में 03 हजार 598 गर्भवती महिलाओं को टीकाकृत करने का लक्ष्य निर्धारित है।
टीकाकरण कई बीमारियों से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया –
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष का संचालन तीन चरणों में किया जाना है। पहला चरण 11 से 16 सितंबर, दूसरा चरण 09 से 14 अक्टूबर व तीसरा चरण 27 नवंबर 02 दिसंबर के बीच संचालित किया जाना है। उन्होंने बताया कि अभियान के क्रम में दो साल तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी मिजिल्स, विटामिन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज व बूस्टर ओपीवी का टीके लगाया जायेगा। गर्भवती महिलाओं को अभियान के क्रम में टेटनेस- डिप्थेरिया का टीका लगाया जाना है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चे व सभी गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
कम आच्छादन व दुर्गम इलाकों पर अधिक ध्यान –
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता महत्वपूर्ण है। टीकाकरण गर्भवती महिला व दो से पांच साल के बच्चों को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस क्रम में कम आच्छादन वाले क्षेत्र, दुर्गम इलाके व ईट भट्ठा व निर्माण कार्य में संलग्न मजदूर, प्रवासी व खानाबदोश परिवार के बसावट वाले इलाकों में शत प्रतिशत टीकाकरण को लेकर विशेष पहल किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।

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