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खादी ग्रामोद्योग संघ मिर्जापुर में होता है सभी धर्मों का सम्मान : सतपाल सैनी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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खादी कामगारों के साथ उत्साह से मनाया गया ईद का त्यौहार, सभी को बांटी गई सेवइयां व खीर।
कुरुक्षेत्र, 22 अप्रैल : कुरुक्षेत्र के खादी ग्रामोद्योग संघ मिर्जापुर नरड़ ने हरियाणा में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में अपने उत्पादों के कारण विशेष पहचान बनाई है। संघ के मुख्य व्यवस्थापक एवं सचिव सतपाल सैनी ने बताया कि खादी केंद्र में कामगार एवं अन्य लोगों ने उत्साह से ईद का त्यौहार मनाया। उनके केन्द्र में सभी धर्मों का पूरा सम्मान किया जाता है। इसी उद्देश्य से सभी धर्मों के त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मिलजुल कर मनाते हैं।
उन्होंने बताया कि ईद के अवसर पर खादी ग्रामोद्योग संघ के कामगारों को ईद की बधाई देते हुए उपहार भी दिए गए। कामगारों के प्रयासों से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुसार ही खादी के उत्पादन से भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास है। कामगारों को भी रोजगार मिले।
ईद के अवसर पर खादी ग्रामोद्योग संघ में बड़ी संख्या में लोग कपड़ा खरीदने पहुंचे। इस मौके पर सभी को खीर और सेवइयां भी खिलाई गई। सभी ने ईद के अवसर पर बधाई दी।
केंद्र में काम करने वाले कामगार रईश अहमद अंसारी ने बताया कि उन्होंने खादी ग्रामोद्योग केंद्र में उन्होंने बड़े उत्साह के साथ ईद का त्यौहार मनाया है। आज इस अवसर पर बहुत से मिलने वाले आए और ईद के पकवान खिलाए।
कामगार इरशाद ने बताया कि वे खादी संस्थान में तीसरी बार ईद का त्यौहार मना रहे हैं। वैसे वर्षों से यहां काम कर रहे हैं लेकिन ईद के त्यौहार पर उत्तर प्रदेश चले जाते थे। लोग यहां प्रेम प्यार से मिलते हैं तो अब हम ईद यहीं पर मनाते हैं। उन्हें अब यहां ईद मनाते हुए भी काफी खुशी मिलती है। 30 दिन के व्रत के बाद ईद मनाते हैं। मीठी सेवइयां बनाते हैं और भाइयों में बांटते हैं तो भाईचारा बढ़ता है।
खादी खरीदने पहुंचे मुख्य शिक्षक बलकार सिंह ने कहा कि वह काफी समय से खादी का कपड़ा प्रयोग कर रहे हैं। इस खादी ग्रामोद्योग संघ से पिछले करीब 15 वर्षों से कपड़ा खरीद रहे हैं। अच्छी कपड़े की वैरायटी मिलती है। उन्होंने कहा कि खादी कपड़े का कोई विकल्प नहीं है। सरकार को भी खादी को अधिक बढ़ावा देना चाहिए।
महिला खरीददार कुसुम ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार में अपने पिता को बचपन से खादी डालते हुए देखा है और आज भी खादी ही डालते हैं। पिता को देखकर अब अपने पति को भी खादी डालने के लिए प्रेरित किया है। अब महसूस हुआ कि गर्मी सर्दी के अनुसार त्वचा के लिए भी खादी श्रेष्ठ है। अब परिवार के अन्य लोग भी खादी डालते हैं। युवाओं को भी खादी डालनी चाहिए। विशेषकर ग्रामीणों को भी खादी से रोजगार मिलता है।
इस अवसर पर धर्मेंद्र शर्मा, विजय कुमार, गौरव, विनोद कुमार व सुनील इत्यादि भी मौजूद थे।
खादी ग्रामोद्योग संघ मिर्जापुर में कामगारों को खीर व सेवइयां बांटते हुए।