वेद पुराणों के साथ नवरात्रों का वैज्ञानिक महत्व भी है : महंत राजेंद्र पुरी

वेद पुराणों के साथ नवरात्रों का वैज्ञानिक महत्व भी है : महंत राजेंद्र पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी ने सनातन धर्म में बताया नवरात्र का विशेष महत्व।
कुरुक्षेत्र, 31 मार्च : जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी द्वारा नवरात्रों के अवसर पर विशेष अनुष्ठान एवं हवन यज्ञ प्रारम्भ किया गया है। इस अवसर पर दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं। सनातन में नवरात्र पूजन का विशेष महत्व बताते हुए महंत राजेंद्र पुरी ने सर्वकल्याण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग आधुनिकता के युग में शिक्षित होने के बाद अपने देवी देवताओं और इष्ट के प्रति अलग तरह का भाव रखते हैं। आज के युग में ज्यादातर लोग दूसरों को शिक्षा देते हुए कहते है कि भगवान मन में होता है। इस पर महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि सबसे पहले तो यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि जो मन में भाव एवं श्रद्धा होती है। उसके लिए भगवान के साक्षात दर्शन और अपनी प्रार्थना के लिए हमें भगवान के घर मंदिर में जाना ही होता है। उन्होंने कहा कि मंदिर में सम्पूर्ण विधि विधान से मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा करके भगवान को स्थान दिया जाता है। सनातन धर्म में अपने इष्ट की पूजा करके ही प्रार्थना की जाती है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि सनातन में मंदिरों एवं धर्म स्थानों पर जाने एवं पूजा अर्चना का पूरे विधि विधान से महत्व बताया गया है। इसकी वेदों पुराणों में पूरी जानकारी के साथ वैज्ञानिक महत्व बताया गया है। उन्होंने कहा कि सनातन और हिंदू धर्म को मानने वालों को जागरूक होने के साथ समाज में फैलाई जाने वाली भ्रांतियों को दूर करने के भी सतर्क रहना चाहिए। भगवान शिव के आराध्य भगवान राम हम सब के राम एक हैं। भगवान श्री राम ही सनातन है और सनातन ही राम है। उन्होंने सभी से नवरात्रों में सात्विक रहने का प्रण लिया।
श्रद्धालुओं के बीच जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी।