सच कहूं तो फासी झूठ कहूं तो जेल मृतक लाल बिहारी
आजमगढ़:सामाजिक कार्यकर्ता लाल बिहारी मृतक ने न्याय मानव अधिकारों की रक्षा के लिए जिला अधिकारी को दिया प्रार्थना पत्र| मृतक लालबिहारी ने कहा जमीनों मकानों पोखरा पोखरी बाहा तालाब खेत खलीहान उसर बजऺर नवीन परती चक चकरोड नाली नाबदान आबादी जमीन का विवाद मालखाना बंदोबस्त में जिंदा आदमी को मुर्दा मुर्दा आदमी जिन्दा कर दिया जाता है ये सब खेल प्रशासन भ्रष्ट कर्मचारियों की मिलीभगत से किया जाता है लाल बिहारी मृतक ने बताया 1976 से मैं लाल बिहारी जिंदा होते हुए भी मुर्दा बनके न्यायालय का चक्कर लगाता रहा उसके बावजूद भी प्रशासनिक भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों द्वारा पूर्ण रूप से न्याय नहीं मिल सका लाल बिहारी मृतक ने बताया न्यायालय व्यवस्था पर राजनीतिक व्यक्ति हावी होता है राजनीतिक व्यक्ति न्याय पालिका को भी बदनाम करने में लगा हुआ है मुर्दा आदमी को जिंदा साबित करने में न्यायालय का चक्कर लगाते लगाते वर्षों बीतने के बाद करोड़ों खर्च करने के बाद या तो पागल हो जाएगा या आत्महत्या कर मुकदमा लड़ना ही छोड़ देगा मृतक लाल बिहारी ने समस्त जनता को जागरूक कर जमीन जायदाद के विवाद से बचना चाहिए शिक्षा स्वास्थ रोटी कपड़ा मकान नौकरी के लिए जागरूक होकर कानून व न्यायालय का सम्मान कर अपने परिवार के भविष्य के लिए लड़ना चाहिए लाल बिहारी मृतक