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रिपोर्ट पदमाकर पाठक
आज मनाया जायेगा अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस – सीएमओ
वरिष्ठ नागरिकों एवं वृद्धजनों के स्वास्थ्य की करें नियमित निगरानी
• वरिष्ठ नागरिकों एवं वृद्धजनों के प्रति रहें सतर्क
• समय रहते पहचान और इलाज जरूरी
• लें संतुलित आहार, करें योग तथा व्यायाम
आजमगढ़। 30 सितम्बर 2022
बुजुर्गों के प्रति हो रहे दुर्व्यवहार और अन्याय को समाप्त करने और लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक अक्टूबर को “अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस” मनाया जाता है। पहली बार “अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस” एक अक्टूबर 1991 को मनाया गया था, जिसके बाद से इसे प्रत्येक वर्ष इसी दिन मनाया जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, वृद्धजन आवास, वृद्धाश्रम फरिहा में मनाया जायेगा। इस वृद्धाश्रम में कुल 55 वृद्धजन भर्ती हैं, जिनमें 32 पुरुष तथा 23 महिलायें हैं। साथ ही मंडलीय जिला चिकित्सालय में भी अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में परिजनों को वरिष्ठ नागरिकों एवं वृद्धजनों की सेहत के बारे में भी सतर्क रहने की विशेष आवश्यकता है। आमतौर पर वृद्धजन पूर्व से कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित रहते हैं जैसे अल्ज़ाईमर, डिमेन्शिया, डर, घबराहट, तनाव, उदासी, अनिद्रा इत्यादि। इसमें तनाव कोविड के कारण भी बढ़ा है जिसमें बुजुर्गों में माइग्रेन, पोस्ट ट्रामैटिक स्ट्रैस डिसआर्डर (पीटीएसडी), आब्सेसिव कंपल्सिव डिसआर्डर (ओसीडी) की समस्यायें बढ़ी हैं। ऐसा होने पर तुरन्त उन्हें मंडलीय जिला अस्पताल या नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए और समय-समय पर अपनी नियमित जांच तथा चिकित्सीय परामर्श के अनुसार निर्धारित दवाओं का सेवन करते रहना चाहिए। वृद्धजनों में प्रायः किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। लेकिन सतर्क रहेंगे तो समस्याओं से बचे रहेंगे। एसीएमओ एवं एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ अजीज अंसारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत “नेशनल प्रोग्राम फॉर द हेल्थ केयर ऑफ एल्डर्ली” (एनपीएचसीई) संचालित किया जा रहा है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों/वृद्धजनों के समुचित उपचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत मंडलीय जिला चिकित्सालय में अलग से स्टाफ की तैनाती करते हुये भर्ती होने की सुविधायें है, इसका उदेश्य वृद्धजनों की स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करना और साथ ही उन्हें आवश्यकतानुसार उचित चिकित्सीय परामर्श प्रदान करना है। मंडलीय जिला चिकित्सालय में ही तैनात वरिष्ठ परामर्शदाता एवं फिजीशियन डॉ. राजनाथ ने बताया कि वृद्धजनों में डिमेंशिया (भूलने की बीमारी),स्ट्रेस, डिप्रेशन, अल्ज़ाइमर्स की समस्याएं हो जाती हैं। पहले छोटी-छोटी चीजें भूलने की आदत पड़ती है और बाद में यही समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है। जबकि पुरानी चीजों की याददाश्त बनी रहती हैं। जितनी जल्दी बीमारी का पता चल जायेगा, कुछ दवाओं से बीमारी बढ़ने की दर को कम किया जा सकता है। इन बीमारियों का समय रहते पहचान कर,इलाज बेहद जरूरी है। अगर उपरोक्त बातों पर अमल नहीं किया गया तो वृद्धजनों में गैर संचारी रोग जैसे ब्लड प्रेसर,शुगर हृदय रोग, कैंसर, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके रेगुलर जांच करायें और दवा को समय पर लेना सुनिश्चित करें। वरिष्ठजनों को संतुलित आहार के साथ-साथ लगातार योग तथा व्यायाम करते रहना चाहिये। जिससे वह स्वस्थ्य बने रहेंगे।