“यौमे क़ुद्स” यानी जुमातुलविदा ,इस्राईल से मस्जिद ए अक़्सा को आज़ाद कराने एंव फिलिस्तीनियों पर जुल्म ओ तशद्दुद बंद करने की माँग
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : कुदस दिवस यानी “यौमे क़ुद्स” की पूर्व संध्या पर नमाज़ ए ईशा के बाद मोमिनीन(शिया मुसलमान) द्वारा पुराना शहर स्थित मस्जिद/बैतुस्सलात में एक बैठक की गई जिसकी अध्यक्षता बैतुस्सलात मस्जिद के इमाम सैयद सैफ अली ज़ैदी ने की संचालन मो0 कलीम हैदर नक़वी ने किया। विदित हो कि पवित्र माह रमज़ान के आखिरी पवित्र जुमा “अलविदा” के रोज़ सारी दुनिया के मुसलमान सन् 1979 से इमाम आयतउल्लाह ख़ुमैनी की पहल पर ज़ालिम इज़राइल हुकूमत के द्वारा कब्ज़ा किये गए “बैतुल मुक़द्दस” यानी “मस्जिद ए अक़्सा” की आज़ादी के लिए अपने अपने स्तर से विरोध अथवा प्रदर्शन करके “यौमे क़ुद्स” के मौके पर *फ़िलिस्तीन एंव बैतुल मुक़द्दस (मस्जिद ए अक़्सा ) की आज़ादी की पुरज़ोर मांग करते हैं।
मुसलमानो के किब्ला ए अव्वल “बैतुल मुक़द्दस” यानी “मस्जिदे अक़्सा” जिसपर इज़राइल ने ब्रटेन की मदद से षडयन्त्र पूर्वक आज से 73 साल पहले सन् 1948 में अवैध क़ब्ज़ा कर लिया था जो आज तक बाक़ी है। इस्लामी इतिहास के अनुसार मौजूदा “ख़ाना ए काबा” जो अरब देश मे स्थित है, से पहले पवित्र “मस्जिद ए अक़्सा” ही मुसलमानों का क़िब्ला हुआ करती थी और सारी दुनिया के मुसलमान “बैतुल मुक़द्दस” की तरफ़ रुख़ करके नमाज़ पढ़ते थे, उसके बाद ईश्वरीय आदेश से हज़रत मुहम्मद ए मुस्तफ़ा सललल्लाहु अलैहे वा आलेही वसल्लम के समय में हालत ए नमाज़ में “क़िब्ला” बैतुल मुक़द्दस से बदल कर “ख़ाना ए काबा” कर दिया गया था जो अभी भी मौजूदा “क़िब्ला” है और समस्त मुसलमान अब इस ओर रुख करके नमाज़ अदा करते हैं चूंकि “मस्जिद ए अक़्सा” मुसलमानों का पहला “किबला” जिससे संसार के समस्त मुसलमानों की आस्था जुड़ी है जो कि फ़िलस्तीन की सरज़मीन पर स्थित है।मस्जिद ए अक़्सा और फ़िलिस्तीन के विरुद्ध इसराईल की ज़ालिमाना हरकतें दुनिया से छिपी हुई नहीं हैं, इस्राईल द्वारा फ़िलिस्तीन की निहत्ती अवाम पर आये दिन ज़ुल्मो तशद्दुद, क़त्ले आम, गोलीबारी की घटनाएं, फिलिस्तीनी कालोनियों पर अवैध कब्ज़े, मकानों प्रतिष्ठानों का मिस्मार किया जाना नाक़ाबिले बरदाश्त है, पिछले दिनों इसी पवित्र माह रमज़ान में शुक्रवार की नमाज़ के दौरान ज़ालिम इस्राईली सेना ने फ़िलिस्तीन के मज़लूम नमाज़ियों पर हमला किया और ग्रेनेड फेंके गए जिससे बहुत से निहत्थे फिलिस्तीनी ज़ख्मी और शहीद हुए और ये ज़ुल्म ओ बरबरियत अभी भी जारी है हम इसकी भरपूर मज़म्मत करते हैं , घोर निन्दा और भर्त्सना करते हैं ।ये विचार जमादुलविदा की पूर्व संध्या पर पुराना शहर स्थित मस्जिद/बैतुस्सलात में एक बैठक में आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य मो0 कलीम हैदर नक़वी उर्फ़ सैफ़ी द्वारा व्यक्त किए गए। मौलाना सैयद सैफ अली ज़ैदी व विकार हैदर एडवोकेट ने भी विचार व्यक्त किये और इस्राईल की घोर निंदा की और भारत की राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन प्रेषित कर फ़िलिस्तीन को आज़ाद कराने एंव ज़ालिम इस्राईल के द्वारा किये जा रहे ज़ुल्म ओ तशद्दुद को बंद करवाने में मदद करने की मांग की गई तथा मोमबत्तियां रौशन करके खिराजे अक़ीदत एंव विरोध प्रकट किया गया।
बैठक में सैयद वजाहत हुसैन रिज़वी, दिलावर अब्बास नक़वी, समर अब्बास, शाहनवाज़ अब्बास रिज़वी, क़मर अब्बास नक़वी, नदीम अब्बास, ज़िया हैदर, इरशाद हुसैन, शशरफ़ हैदर , नसीम हुसैन ज़ैदी, गौहर अब्बास, ज़ोहर हुसैन नक़वी, मो असलम, तक़ी अब्बास नक़वी , आसिफ परवेज़ नक़वी , मेहदी अब्बास, ताहा नक़वी, नजम अब्बास,मुर्तज़ा अली, अयान आदि मौजूद रहे।