बच्चों को बारिश में बीमार होने से बचायें, रहें सतर्क – डॉ सुमन

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

बच्चों को बारिश में बीमार होने से बचायें, रहें सतर्क – डॉ सुमन

जुलाई माह में 400 बच्चों का किया गया है इलाज

बच्चों को खाने में दें पौष्टिक आहार और फ़ास्ट फ़ूड से बचायें

आजमगढ़। बारिश का मौसम बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को पसंद होता है। हर किसी को बारिश में भीगना पसंद है, खासकर बच्चों को, हालांकि, मानसून अपने साथ-साथ कीटाणु के कारण इंफेक्शन और बीमारियों को भी लाता है। इस दौरान बच्चे भीगने से बीमार पड़ सकते हैं। इसलिए हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है। यह कहना है जिला महिला चिकित्सालय के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेश कुमार सुमन ने बताया कि जुलाई में लगभग 400 बच्चों का इलाज किया गया है। इस मौसम में होने वाली सर्दी, जुकाम, वायरल हेपिटाइटिस, मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों के खाने में पौष्टिक आहार पर ध्यान देने होगा। उन्होंने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लहसुन, हल्दी, मौसमी फल आदि की खासियत बताई।जैसे – लहसुन एक एंटीऑक्सिडेंट हर्बइम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। जिससे शरीर की पाचन शक्ति को भी बेहतर बनाता है। बच्चे की उम्र के अनुसार ही उपयोग करें क्योंकि बहुत ज्यादा तीखा या मसालेदार खाना छोटे बच्चों के लिए अच्छा नहीं होता है।
हल्दी इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, इसके साथ ही यह इम्युनिटी को मजबूत भी करती है। रात में सोने से पहले बच्चे को हल्दी वाला दूध दें, ताकि उसे अच्छी नींद आ सके और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने व किसी भी इंफेक्शन से उसे लड़ने में मदद मिल सके। मौसमी फल बरसात के मौसम में आने वाले फल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। बच्चों को किसी भी बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। जामुन, लीची, चेरी, आड़ू और आलूबुखारा कुछ ऐसे फल हैं, जिनका सेवन बच्चे को जरूर करना चाहिए। अनार, केला, नाशपाती और पपीता अन्य फल भी हैं। जों विटामिन से भरपूर होते हैं जिससे बच्चे के शरीर को किसी भी इंफेक्शन से बचाने में मदद मिलती है। दालें कई प्रकार की होती हैं यह बच्चों के विकास और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक मानी जाती हैं। क्योंकि इसमें प्रोटीन और ऊर्जा का सबसे ज्यादा स्रोत होता हैं| दाल उन खाद्य पदार्थों में से एक है जो बच्चे को किसी भी तरह की मौसमी इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है। अगर बच्चा पहले से ही फ्लू से पीड़ित है, तो उसे दाल का सूप पिलाने की कोशिश करें क्योंकि इससे उसे तेजी से ठीक होने में मदद मिलेगी। इन चीजों से बनाए दूरी – बारिश के मौसम में पानी पूरी, चाट जैसे खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। जितना हो सके, बाहर के खाने से बचें। बारिश में बच्चों को शीतल पेय का सेवन करने से बचना चाहिए। उनका पाचन तंत्र, मानसून के मौसम में पाचन संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है।छह वर्षीय आस्था की माता ने बताया कि इसे तेज बुखार और खांसी हो रही थी। जिला अस्पताल लेकर गई डॉक्टर ने जांच किया और बोले मौसम परिवर्तन की वजह से बीमार हो गयी हो। दवा के साथ-साथ खाने पीने में भी ध्यान देने की जरुरत है। 11 वर्षीय सूर्यांश की माता ने कहा कि बारिश में भीग जाने से एक-दो उल्टी हो हुई थी। डॉक्टर ने बाहर की चीजों को खाने के लिए मना किया है। दवाएं दी हैं तेल मसाले के खाने से परहेज करने व स्वच्छ पानी और साफ-सफाई पर ध्यान देने के लिए बोले हैं।

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