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भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा ने गीता स्थली कुरुक्षेत्र के विकास का तैयार किया था खाका

भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा ने गीता स्थली कुरुक्षेत्र के विकास का तैयार किया था खाका।

भारतरत्न गुलजारी नंदा की 27 वीं पुण्यतिथि पर कैलेंडर का हुआ विमोचन।
नंदा स्मारक पर पुष्प अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि।
संगीत विभाग के कलाकारों ने प्रस्तुत किए भजन, भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा से जोड़ेंगे समाज के हर व्यक्ति और संस्था को। पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, पंडित सतपाल ने किया पौधा रोपण।

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 15 जनवरी : कुरुक्षेत्र के विकास की आधारशिला रखने और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की सोच के रचयिता भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की 27वीं पुण्यतिथि पर समाज के हर व्यक्ति और संस्था को जोड़ने का संकल्प लिया गया। इस संकल्प के साथ-साथ भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा का कुरुक्षेत्र बनाने पर विचार और मंथन किया गया। अहम पहलू यह है कि नंदा स्मारक स्थल की लाइब्रेरी को ई-लाइब्रेरी में बदलने के साथ-साथ उनके जीवन पर आधारित एक विशेष कक्ष बनाने का फैसला भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की तरफ से लिया गया है।
भारत रत्न एïवं पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा की 27वीं पुण्यतिथि पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में सदाचार स्थल पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, पंडित सतपाल महाराज ने नंदा स्मारक के परिसर में पौधारोपण किया। इसके उपरांत विश्वविद्यालय की तरफ से तैयार किए गए वार्षिक कैलेंडर का विमोचन भी किया। सभी मेहमानों ने प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों से बातचीत की और पेंटिंग बनाने वाले छात्र-छात्राओं से बातचीत भी की है। इससे पहले विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा, उपायुक्त नेहा सिंह, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, डीवाईसीए के निदेशक डा. विवेक चावला, प्रोफेसर शुचि स्मिता, विजय सभ्रवाल कृष्ण धमीजा, केडीबी सदस्य डा. ऋषिपाल मथाना, कैप्टन अमरजीत सिंह, विजय नरुला, अशोक रोशा, डा. एमके मोदगिल, खरैती लाल सिंगला, समाजसेवी प्रदीप झांब प्रोफेसर, राजेंद्र राणा, डा. एसी नागपाल, डीपीआर केयूके डा. महा सिंह पुनिया,समाजसेवी विनोद गर्ग सहित अन्य गणमान्य लोगों ने नंदा की समाधि पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी है। इसके बाद सभी ने नंदा स्मारक स्थल पर नंदा की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित की है। इस दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की तरफ से भजनों की प्रस्तुति दी गई।
पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि कुरुक्षेत्र को विकसित करने में पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न गुलजारी लाल नंदा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके प्रयासों से ही कुरुक्षेत्र के विकास को एक नई दिशा मिली है। ऐसे महान व्यक्तित्व के कार्यक्रमों को अच्छे और भव्य ढंग से मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अïवसरों पर सभी प्रण लेना चाहिए कि कुरुक्षेत्र के विकास में अपना योगदान देंगें। जब सभी इस सोच के साथ काम करेंगे तो निश्चित ही कुरुक्षेत्र एक दिव्य कुरुक्षेत्र नजर आएगा। उन्होंने कहा कि भारतरत्न गुलजारी लाल नंदा के कारण कुरुक्षेत्र पर्यटन हब के रूप में उभरकर आया है। उनकी सोच को आगे बढ़ाने का काम मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र के विकास को लेकर दिन रात मेहनत की जा रही हैै और कुरुक्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाएं इस साल पूरी होने जा रही है।
कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा ने मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से आने वाले समय में भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के कार्यक्रमों को बड़े स्तर पर मनाने का प्रयास किया जाएगा। इस स्मारक स्थल में स्वर्गीय नंदा जी के जीवन पर आधारित एक विशेष कक्ष तैयार किया जाएगा और लाईबे्ररी को ई-लाइब्रेरी के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। इस स्मारक स्थल के साथ समाज के हर व्यक्ति और संस्था को जोड़ा जाएगा ताकि स्वर्गीय नंदा जी के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा ने निस्वार्थ भाव से कुरुक्षेत्र के विकास के लिए कार्य किया। उनके साधारण और सहज जीवन को हर व्यक्ति जानता है। इस व्यक्तित्व से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।
केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने कहा कि भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा का जीवन असाधारण था। उन्होंने साधा जीवन जीते हुए समाज और देश के लिए कार्य किया। इस धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के विकास की नींव भी स्वर्गीय नंदा जी ने रखी आज उस नींव पर ही विकास के रूप में एक नई इमारत खड़ी की गई है। इस कार्यक्रम में समाजसेवी विजय सभ्रवाल ने भी अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के योगदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। नंदा स्मारक स्थल की निदेशिका प्रोफेसर सूचि स्मिता ने मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए स्वर्गीय नंदा जी को लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से किए जा रहे कार्यों को विस्तार से सबके समक्ष रखा। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन उपासना ने किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों, कॉलेज व विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अलग- अलग प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

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