तीनों पंचायत सरकार भवनों पर लटक रहा ताला,भटक रहे हैं ग्रामीण
अररिया।
जिले के भरगामा प्रखंड के ग्राम पंचायत शंकरपुर,मनुल्लाहपट्टी एवं खुटहा बैजनाथपुर पंचायत सरकार भवन की स्थिति बदतर है। यहां काम का कोई सिस्टम नहीं है। कौन कर्मी कब आएगा और कौन नहीं,इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है। पंचायत सचिवों व अन्य कर्मियों से मुलाकात करने के लिए ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। डीएम इनायत खान ने बीते कुछ दिनों पूर्व ही उपरोक्त पंचायत सरकार भवन में पंचायत सचिव,राजस्व कर्मचारी,कार्यपालक सहायक,विकास मित्र,आवास सहायक आदि को पंचायत भवन पर ड्यूटी करने का निर्देश भी दिए थे। लेकिन जब हमारी टीम ने सोमवार को इसकी पड़ताल की तो सच्चाई सामने आ गई। हमारी टीम ने शंकरपुर पंचायत भवन पर सुबह 11 बजे के आसपास पहुंची,तो ताला बंद था। इसी तरह खुटहा बैजनाथपुर पंचायत सरकार भवन में भी 12 बजे के आसपास ताला लगा हुआ पाया गया। वहीं मनुल्लाहपट्टी पंचायत सरकार भवन का पड़ताल किया गया तो वहां का भी पंचायत सरकार भवन 2 बजे के आसपास बंद पड़ा हुआ मिला। ग्रामीणों के अनुसार उपरोक्त पंचायत सरकार भवन बंद ही रहता है। यहां पंचायत संबंधित कोई काम नहीं होता है। इससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
समिति सदस्य विनोद मंडल, पूर्व उपमुखिया प्रतिनिधि सरोज सिंह ग्रामीण राजू कुमार,सुनील कुमार,सुजीत पासवान,भोला उरांव,स्वीटी देवी,विमला देवी,रेखा देवी आदि ने बताया कि हर काम के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। पंचायत सरकार भवन की इस कुव्यवस्था से ग्रामीण सहित जनप्रतिनिधि भी परेशान हैं। पंचायत सचिव व कर्मी अपने हिसाब से काम कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की भूमिका को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। यहां पर कोई कर्मी नहीं बैठते हैं। पंचायत भवन बनाने में सरकार के करोड़ो रुपए लग गए,पर यहां ताला लटका रहता है। जिससे ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों में आक्रोश व्याप्त है।
क्या कहते हैं अधिकारी :
फारबिसगंज एसडीओ रोजी कुमारी से मिली जानकारी अनुसार पंचायत सरकार भवन से संबंधित सभी कर्मियों को रोस्टर के अनुसार ड्यूटी करनी है। और पंचायत से सम्बंधित कार्यों का निष्पादन पंचायत सरकार भवन में ही करना है। लेकिन यहां नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस पर डीएम इनायत खान ने आवश्यक कार्रवाई की बात कही। आपको बता दें कि लोगों में चर्चा है कि आखिर किसके रहमो कर्म से पंचायत सरकार भवन से सम्बंधित कर्मियों पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है,क्या शासन प्रशासन का आदेश सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रहा जाता है या सरकार की ऐसी महत्वाकांक्षी योजना अखबार की हेडलाइन ही बनकर रह जाती है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक खुलेगा ये पंचायत सरकार भवन ?