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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों और आम नागरिकों को दी राजस्व विभाग की 4 पेपर रहित योजनाओं की सौगात

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों और आम नागरिकों को दी राजस्व विभाग की 4 पेपर रहित योजनाओं की सौगात

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बाबैन की उप तहसील से किया पेपरलेस रजिस्ट्री, सीमांकन पोर्टल, व्हाटसअप चैटबोट और राजस्व न्यायालय प्रबंध प्रणाली व्यवस्था का किया शुभारंभ, राजस्व विभाग की नई पहल से अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति होगा सशक्त, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के समक्ष बाबैन उप तहसील में हुई पेपर रहित लाभार्थी अंकुश बंसल की रजिस्ट्री, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया पौधा रोपण।

बाबैन/कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 29 सितंबर : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के बाबैन कस्बे की उप तहसील से प्रदेश के किसानों और आम नागरिकों को राज्य सरकार के राजस्व विभाग की नई पहल के साथ 4 परियोजनाओं की सौगात दी है। इन नई परियोजनाओं के तहत किसान और आम नागरिक अब घर बैठे रजिस्ट्री, पेपर रहित निशानदेही, व्हाट्सएप चैटबोट से घर बैठे राजस्व विभाग के अपने कार्यों की वास्तविक स्थिति की जानकारी के साथ-साथ राजस्व न्यायालय निगरानी प्रणाली से जमीन से सम्बन्धित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा संभव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को बाबैन उप तहसील कार्यालय में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, सीमांकन पोर्टल, व्हाटसअप चैटबोट और राजस्व न्यायालय प्रबंध प्रणाली व्यवस्था का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की 4 नई योजनाओं को लेकर तैयार की गई पुस्तिका का विमोचन भी किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बाबैन उप तहसील के परिसर में पौधारोपण किया और उप तहसील कार्यालय में अपने समक्ष गांव सुजरी निवासी अंकुश बंसल की पहली पेपर रहित रजिस्ट्री भी करवाई। उन्होंने गुरचरण और जरनैल सिंह से 2 कनाल भूमि खरीदी। इस रजिस्ट्री में नंबरदार अमर सिंह और पवन कुमार गवाह रहे। इस प्रार्थी अंकुश बंसल को मुख्यमंत्री ने सेल डील भी सौंपी है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने निशानदेही करने वाली जीरोवर मशीन का भी अवलोकन किया। यहां पर एसीएस एवं वित्तायुक्त डा. सुमिता मिश्रा ने मुख्यमंत्री को जीरोवर मशीन के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पेपरलेस रजिस्ट्रेशन करके राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ों पर सीधा प्रहार कर रही हैं। इस प्रणाली से मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम होगा तो भ्रष्टाचार की गुंजाइश कतई नहीं रहेगी। अब रजिस्ट्री का काम पूर्णत: डिजिटल होगी, जिसमें यह पहल मिनिमम गवर्नमेंट-मेक्सिमम गवर्नेस की हमारी नीति का जीवंत उदाहरण है। इस पेपरलेस रजिस्ट्रेशन से पर्यावरण का भी बचाव होगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा में डिजीटल हरियाणा कार्यक्रम अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को सशक्त बनाने का माध्यम है। राजस्व विभाग की जिन 4 पहलों की शुरूआत की गई हैं। ये सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं हैं। ये बदलाव सुशासन, पारदर्शिता और नागरिक सुविधा के नए अध्याय की शुरुआत हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण विभागों में से एक है। यह विभाग सीधे जनता के जीवन से जुड़ा हुआ है। यह विभाग राजस्व प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही आपदा के समय लोगों के लिए संकटमोचक के रूप में कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग ने समय-समय पर नई-नई तकनीकों को अपनाकर अपने कामकाज को सरल, पारदर्शी और जन- हितैषी बनाया है। आज जो पहलें हम शुरू करने जा रहे हैं, वे इसी यात्रा का नया अध्याय हैं। उन्होंने कहा कि शासन का वास्तविक अर्थ जनता की सेवा करना है। इसलिए सेवा को सरल, पारदर्शी और त्वरित होना चाहिए। हमारा लक्ष्य है कि आम नागरिक को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। सरकार स्वयं नागरिक के द्वार तक पहुंचे। इसी संकल्प को और आगे बढ़ाते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की इन 4 पहलों का शुभारंभ किया जा रहा है।
अब सिर्फ हस्ताक्षर और फोटो खिंचवाने आना होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की इस पहल से रजिस्ट्री करवाने की दशकों से चली आ रही जटिल प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। अब रजिस्ट्री करवाने में अनावश्यक देरी नहीं होगी। इससे नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। उनको केवल एक बार फोटो खिंचवाने व हस्ताक्षर के लिए तहसील जाना होगा।
सीमांकन पोर्टल से रोवर और आधुनिक जीपीएस तकनीक से होगी निशानदेही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दूसरी पहल सीमांकन (डिमार्केशन) पोर्टल के लिए की गई है। किसान और कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और भूमि संबंधी विवाद गांवों की एक बड़ी समस्या है। सीमांकन पोर्टल इस समस्या का एक स्थायी और तकनीकी समाधान है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब अपनी भूमि की पैमाइश के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं। रोवर और आधुनिक जीपीएस तकनीक का उपयोग करके यह प्रक्रिया अब सटीकता, गति और निष्पक्षता के साथ पूरी होगी।
व्हाटसअप चैटबोट पर 24 घंटे, 7 दिन उपलब्ध रहेगी जानकारी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि तीसरी पहल व्हाट्सअप चैटबोट है। आज हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन है और व्हाट्सअप संचार का सबसे सुलभ माध्यम बन गया है। सरकार ने इस तकनीक का उपयोग जनता की सेवा के लिए किया है। नया व्हाट्सएप चैटबॉट राजस्व विभाग से संबंधित सामान्य जानकारी, सेवाओं की स्थिति और आवश्यक दस्तावेजों की सूची चौबीसों घंटे, सातों दिन उपलब्ध कराएगा। अब किसी भी छोटी से छोटी जानकारी के लिए दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है। अब अपने मोबाइल पर, तुरंत और सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह नागरिकों को सशक्त बनाने का एक माध्यम है। इससे सरकार और जनता के बीच की दूरी कम होगी। खासतौर पर गांव की जनता के लिए यह सुविधा बहुत मददगार साबित होगी।
रेवेन्यू कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम को न्याय में देरी करेगा खत्म
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि चौथी पहल रेवेन्यू कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम की है। राजस्व न्यायालयों में लंबित मामले न्याय की राह में एक बड़ी चुनौती रहे हैं। न्याय में देरी, न्याय से वंचित होने के समान है। अब राजस्व न्यायालयों में चल रहे मामलों की डिजिटल मॉनिटरिंग होगी। केस की स्थिति, तारीख और आदेश ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इस सिस्टम से छोटे-छोटे मामलों में बरसों की देरी खत्म होगी। इससे न्याय प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी होगी। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम सभी राजस्व अदालतों के मामलों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाएगा। यह न केवल न्यायिक पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि लंबित मामलों के त्वरित निपटान में भी सहायक होगा।
ई-पंजीकरण प्रणाली के तहत रजिस्ट्री के लिए कोई भी व्यक्ति पहले ही ले सकता है अपॉइंटमेंट
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी के पक्षधर हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में डिजीटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी। पिछले 11 वर्षों में इस कार्यक्रम के परिणाम हमारे सामने हैं। इस कार्यक्रम से आम लोग डिजीटली रूप से सशक्त हुए हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। जन-सेवाएं लोगों तक आसानी से पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से ई-पंजीकरण प्रणाली शुरू की थी। इसके तहत रजिस्ट्री के लिए कोई भी व्यक्ति पहले ही अपॉइंटमेंट ले सकता है।
सीएलयू देने की शक्तियां निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को दी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाओं और कालोनियों के लिए लाइसेंस और सीएलयू देने के अधिकार मुख्यमंत्री कार्यालय के पास थे। इस व्यवस्था को खत्म किया और इसकी शक्तियां निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को दी। सीएलयू के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन है। इस प्रक्रिया से आवेदक यह भी देख सकता है कि उसकी फाइल किसके पास पहुंची है। सभी सीएलयू अब 30 दिनों में ऑनलाइन हो जाते हैं।
भू-स्वामी अपनी सम्पत्तियों और भू- रिकॉर्ड की ऑनलाइन ले सकता है जानकारी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भू-रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटलाइज करने के लिए सभी तहसीलों में समेकित हरियाणा भू-रिकॉर्ड सूचना प्रणाली लागू की गई है। इसके माध्यम से अब भू-स्वामी किसी भी समय और कहीं से भी अपनी सम्पत्तियों और भू- रिकॉर्ड की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।
राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने नई शुरू की गई चारों योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। भू-अभिलेख विभाग निदेशक डा. यशपाल ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी कैलाश सैनी, अंबाला कमिश्नर संजीव वर्मा, उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक नीतीश अग्रवाल, एसडीएम पंकज सेतिया, जिला अध्यक्ष तिजेंदर सिंह गोल्डी, मीडिया कोऑर्डिनेटर तुषार सैनी, सुभाष कलसाना, चेयरमैन डॉ गणेश दत्त, चेयरमैन जसविंदर जस्सी, चेयरपर्सन कंवलजीत कौर, चेयरपर्सन साक्षी खुराना, मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा, मंडल अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह, मंडल अध्यक्ष शिव गुप्ता, सरपंच संजीव सिंगला सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
हाटसअप चैटबोट भू-मित्र के माध्यम से कर सकेंगे सूचना, सर्विस और शिकायत: डा. सुमिता मिश्रा।
राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने कहा कि आज बाबैन की छोटी सी तहसील से प्रदेश के हर किसान व हर नागरिक के लिए बेहतर योजनाओं की शुरू की जा रही है। बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने विभाग के सामने कुछ लक्ष्य रखे थे। इनमें कहा था कि सदियों से चली आ रही जरिफ खींच कर की जा रही पैमाइश की व्यवस्था को बदला जाए। इसी तरह रजिस्ट्री के मामले में लोगों का समय भी लग रहा है और परेशानी भी हो रही है। रेवेन्यू विभाग के काम को करने की प्रक्रिया और नई पहले की व्यवस्था पूरी तरह से अलग है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेशभर में इन पहलों का शुरू कर रहे हैं। इसके साथ ही व्हाटसअप चैटबोट को भू-मित्र के नाम से शुरू करवाया गया है। इस माध्यम से सूचना, सर्विस और शिकायत कर सकेंगे। साथ ही पिहोवा तहसील से रिवेन्यू कोर्ट सिस्टम को डिजिटलाइज किया जाएगा। इससे कोर्ट में बार-बार तारिख मिलने सहित अन्य सभी प्रकार की जानकारी मुहैया होगी। अब इन योजनाओं रिवेन्यू विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों और नागरिकों के बीच धरातल पर काम करना होगा। नई प्रक्रिया को लागू करते समय कुछ दिक्कतें होती है, इन्हें सहयोग से दूर किया जा सकता है।
किसान केवल 1 हजार रुपए में करवा सकते हैं कृषि भूमि की निशानदेही : डा. यशपाल।
भू-अभिलेख विभाग के निदेशक डा. यशपाल ने मुख्यमंत्री व अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आठ महीने पहले विभाग को निर्देश आए कि कैसे लोगों को समयबद्ध, पारदर्शी ढंग से सुविधाएं दे सके। पेपरलेस रजिस्ट्री और सीमाकंन से लोगों को बहुत फायदा होगा। पहले लोगों को सभी कागजात साथ लेकर आने होते थे, पूरा दिन तहसीलों में बैठकर अपने नंबर का इंतजार करना होता था, लेकिन अब मात्र 5 मिनट में फोटो और हस्ताक्षर के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह किसानों को पहले प्राइवेट मशीन से निशानदेही करवानी पड़ती थी, लेकिन अब ऑनलाइन आवेदन करके डिमार्केशन करवा सकते हैं। इस कार्य के लिए किसानों को प्राइवेट में करीब 30 हजार रुपए देने होते थे, अब किसानों से कृषि भूमि की पैमाइश के लिए मात्र एक हजार रुपए ही दिए जाएंगे।

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