स्वच्छता केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा होनी चाहिए : कुलपति

श्री कृष्ण आयुष विवि में स्वच्छता पखवाड़े के तहत चलाया अभियान।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 20 सितंबर : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में शनिवार को स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत विशेष स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान और कुलसचिव प्रो. बृजेंद्र सिंह तोमर ने स्वयं कैंपस में सफाई करके विद्यार्थियों को स्वच्छता का संदेश दिया।
कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा होनी चाहिए। यदि हम अपने आसपास स्वच्छ वातावरण रखेंगे तो न केवल बीमारियों से बचेंगे, बल्कि मन और मस्तिष्क भी प्रसन्न रहेगा। स्वच्छ वातावरण सकारात्मक सोच को जन्म देता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की जिम्मेदारी सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है। हर व्यक्ति को अपने घर, मोहल्ले, कार्यालय और सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई को अपनी आदत बनाना चाहिए।
बड़ी संख्या में शिक्षक-विद्यार्थियों ने लिया भाग।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. जितेश कुमार पंडा, प्रॉक्टर प्रो. सतीश कुमार वत्स, आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता, प्रो. दीप्ति पराशर, प्रो. रवि राज, प्रो. शीतल सिंगला, प्रो. रविंद्र अरोड़ा, प्रो. रणधीर सिंह, प्रो. पीसी मंगल, डॉ. सुरेंद्र सिंह सहरावत, प्रो. सीमा रानी, डॉ. सुखबीर सिंह, डॉ. ममता राणा, योग शिक्षक योगेंद्र कुमार, डॉ. जोरावर सिंह बुरा, पवन नांदल, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार और समीर कुमार समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, गैर-शिक्षक कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने परिसर के विभिन्न हिस्सों में मिलकर साफ-सफाई की और यह संकल्प लिया कि वे स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।
श्री कृष्ण आयुष विवि में अगले सत्र से BNYS कोर्स शुरू करने की तैयारी।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 20 सितंबर : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय सत्र 2026-27 से प्राकृतिक चिकित्सा और योग के क्षेत्र में बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी योग एंड साइंस (BNYS) कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में शुक्रवार को डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. जितेश कुमार पंडा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें कोर्स की ड्राफ्ट पॉलिसी पर मंथन किया गया। बैठक में BNYS कोर्स की 60 और 100 सीटों पर सिलेबस तैयार करने और मिनिमम स्टैंडर्ड रिक्वायरमेंट्स पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस मौके पर मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. काशीनाथ, एसजीटी विश्वविद्यालय गुरुग्राम की योग एवं नेचुरोपैथी फैकल्टी की डीन डॉ. संगीता और आयुष विश्वविद्यालय के योग विभाग की चेयरपर्सन प्रो. शीतल सिंगला विशेष रूप से मौजूद रहीं। डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. पंडा ने बताया कि बैठक में BNYS कोर्स की सीट संख्या, सिलेबस और आवश्यक मानकों पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि “पहले कोर्स का प्रस्ताव विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल से अनुमोदित कराया जाएगा, उसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि अगले सत्र से यह नया कोर्स शुरू हो जाएगा।