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भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र का मार्गदर्शक दस्तावेज़ हैं – विनोद महायान

आजमगढ़

अंबेडकर पार्क में 26 नवंबर 2025 को संविधान दिवस आयोजन को लेकर पदाधिकारियों ने कि बैठक

बैठक को संबोधित करते विनोद महायान ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है जब 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र का मार्गदर्शक दस्तावेज़ हैं — भारतीय संविधान — अपनाया था। यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, और इसी दिन भारत ने स्वयं को पूर्ण गणराज्य घोषित किया।

संविधान निर्माण में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।

इस दौरान उन्होंने कहां कि डां भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व में बनी संविधान सभा की प्रारूप समिति ने एक ऐसा दस्तावेज़ तैयार किया, जो आज भी भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ बना हुआ है। संविधान निर्माण में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।

इस दौरान डॉ. भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व में बनी संविधान सभा की प्रारूप समिति ने एक ऐसा दस्तावेज़ तैयार किया, जो आज भी भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ बना हुआ है।

सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों और संस्थानों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन, गोष्ठियों और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया।

लोगों ने संविधान की भावना — “हम भारत के लोग…” — को दोहराते हुए लोकतंत्र के मूल्यों को सशक्त बनाने का संकल्प लिया। दौरान डॉ. भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व में बनी संविधान सभा की प्रारूप समिति ने एक ऐसा दस्तावेज़ तैयार किया, जो आज भी भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ बना हुआ है।

सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों और संस्थानों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन, गोष्ठियों और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया।

लोगों ने संविधान की भावना — “हम भारत के लोग…” — को दोहराते हुए लोकतंत्र के मूल्यों को सशक्त बनाने का संकल्प लिया।

26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो संविधान के लागू होने की याद दिलाता है।

जबकि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, संविधान के अंगीकार की स्मृति में।
बिन्दू गौतम अध्यक्ष, सुनीता भारती उपाध्यक्ष, रेखा अम्बेडकर सदस्य, किरन बौद्ध सदस्य, सुनिता गौतम सदस्य, आदि लोग उपस्थित रहें

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