उत्तराखंड: नशे के खिलाफ़ महापंचायत में उमड़ी भीड़,

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देहरादून : तहसील मुख्यालय स्थित रामलीला मैदान में मंगलवार को नशे के खिलाफ महापंचायत आयोजित की गई। इसमें जौनसार बावर की 39 खतों के सदर स्याणा, जनप्रतिनिधि समेत 1400 आम लोग शामिल हुए। महापंचायत ने नशे के कारोबार में संलिप्त व्यक्ति का सहयोग करने वाले जनप्रतिनिधि का विरोध, विवाह और अन्य कार्यक्रमों में शराब के सेवन, भांग की खेती पर प्रतिबंध समेत 16 संकल्प प्रस्तावों पर मोहर लगी। सदर स्याणा, जनप्रतिनिधियों और आम लोगों ने नशामुक्त जौनसार बावर का संकल्प लिया।

महापंचायत को संबोधित करते हुए विकासनगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन का बढ़ता प्रचलन समाज को खोखला कर रहा है। इसकी रोकथाम के लिए सामूहिक रूप से लड़ाई लड़नी होगी। कहा कि नशे की दलदल में फंसे युवाओं और उनके परिवार का बहिष्कार न कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास होने चाहिए।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में जौनसार बावर क्षेत्र की 11 खतों में अफीम उगाने का लाइसेंस प्रदान किया जाता था। अफीम का वैधानिक तरीके से उत्पादन भी होता था। लेकिन, जौनसार बावर क्षेत्र की विशेषता थी कि यहां लोग नशे से दूर रहते थे। अब हालात बहुत तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के युवा नशे की दलदल में फंसते जा रहे हैं। जिनको रोकने की जिम्मेदारी सभी की है। इसकी शुरुआत परिवार से होनी चाहिए।

वरिष्ठ अधिवक्ता संजय भट्ट ने नशे की बिक्री और इसके सेवन के संबंध में विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। जनजाति आयोग उत्तराखंड के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता मूरत राम शर्मा, लोक पंचायत के भारत चौहान, मुन्ना सिंह राणा आदि ने भी महापंचायत को संबोधित करते हुए क्षेत्र में नशे के बढ़ते प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए महापंचायत में लिए गए संकल्प को धरातल पर उतारने की बात कही।

महापंचायत में यह 16 प्रस्ताव हुए पास

– हर व्यक्ति अपने गांव में नशे की रोकथाम का प्रयास करेगा।
– क्षेत्र में प्रवेश करने वाले फेरी रेहड़ी वालों का सत्यापन किया जाएगा।
– स्थानीय बाजारों और कस्बों में नशे का कारोबार करने वालो को चिह्नित कर पुलिस को अवगत करवाया जाएगा।
– स्याणा और जनप्रतिनिधि पुलिस को नशे के कारोबारी की जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।
– क्षेत्र में अन्य स्थानों पर भी महापंचायत आयोजित की जाएगी।
– क्षेत्रीय स्कूलों में काउंसलिंग की जाएगी।
– पर्यटकों के खुले में शराब और अन्य मादक पदार्थों के सेवन पर पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
– कोई भी जनप्रतिनिधि नशे के कारोबार में संलिप्त व्यक्ति सहयोग करता है तो उसका विरोध किया जाएगा।
– गांव में भांग की खेती करने वालों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा।
– गांव में विवाह आदि कार्यक्रमों में खुले बार और शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
– प्रत्येक खत में समिति गठित की जाएगी। समिति राजस्व और रेगुलर पुलिस के साथ मासिक बैठक कर आम जनमानस को गतिविधि से अवगत करवाएगी।
– प्रत्येक गांव में महिलाओं को नशे के खिलाफ जागरूक किया जाएगा।
– नशे के खिलाफ लड़ाई को राजनीतिक स्तर पर नहीं ले जाया जाएगा।
– माघ मरोज पर्व के दौरान सभी गांवों में लोग प्रस्तावों पर चर्चा कर विचार-विमर्श से समिति को अवगत करवाएंगे।
– नशे के खिलाफ लड़ाई के दौरान अपने और पराए बच्चों में अंतर नहीं किया जाएगा।
– प्रत्येक गांव में खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।

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साग़र मलिक उतराखंड प्रभारी(वी वी न्यूज़)

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